दुनिया की सबसे खतरनाक सीरियल किलर महिला, जिसने खुद को जवान बनाए रखने के लिए किए थे 100 से ज्यादा खून

पूरी दुनिया में लोग अगल-अलग तरह के रीति-रिवाज निभाते हैं. जो सदियों से उस समाज में चले आ रहे हैं. आज हम आपको अपने ही देश के एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चिकन यानी मुर्गे का मीट खाने पर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन यहां के लोग मुर्गा पाल नहीं सकते है. ये लोग सदियों से इस तरह की परंपरा निभाते चले आ रहे हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यहां के लोग ऐसा क्यों करते हैं.
ढ़दरअसल, छत्तीसगढ के कांकेर और इससे लगे नारायणपुर जिले में ठेठवार समाज के लोग बहुत रहते हैं इस समाज के लोग गाय पालन का काम करते हैं. इस समाज के लोग मुर्गा यानी चिकन तो खा सकते हैं लेकिन इसे पालने की पूरी तरह से मनाही है. यही नहीं ऐसा करने पर उन्हें 151 रूपये का दंड देना पड़ता है. ठेठवार समाज ने कई वर्षो से यह नियम लागू कर रखा है और इस पर अमल किया जा रहा है. सूबे के यदु समाज का मानना है कि वे गौ की सेवा करते हैं न कि मुर्गा-मुर्गियों की. मुर्गा पालने पर ध्यान उसी ओर चला जाता है और इससे गाय की ओर ध्यान कम हो जाता है.
नारायणपुर जिलों के आरमेटा, करलखा, धनोरा, कन्हारगांव, चिल्हाटी, तालाकुर्रा, कोटा आदि गांवों में यह प्रथा आज भी प्रचलन में है. ग्रामीणों का कहना है कि अर्थदंड देने में कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन दंड देना अपनी बेइज्जती के रूप मे देखा जाता है. इसलिए मुर्गा नहीं पालते. बता दें कि कुछ ग्रामीण मजबूरी में मुर्गा पालते हैं लेकिन जब कभी समाज के पदाधिकारी गांव में जाते हैं तो वे मुर्गे-मुर्गियों को छिपा देते हैं. इसके अलावा जन्म और मृत्यु संस्कार भी ठेठवार समाज में अलग तरह से निभाया जाता है.
यहां बच्चा पैदा होने पर छठी का कार्यक्रम होता है. इसमें महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है और एक बार भोज दिया जाता है. यह भोज शाकाहारी होता है. इसके अलावा नाऊ-धोबी को भी भोजन कराया जाता है. इस समाज में शादी की रस्म दो से तीन दिनों तक चलती है. इसमें भी शाकाहारी भोज होता है लेकिन कभी-कभार खुशी से कुछ सामाजिक बंधुओं को मुर्गा खिलाया जाता है.
किसी की मृत्यु हो जाने पर समाज के लोग दस दिनों तक तालाब में नहाने जाते हैं. इसके बाद भोज होता है. समाज में अंतरजातीय विवाह पर सख्ती है. इसमें युवक-युवती को घर से निकाल दिया जाता है. उन्हें किसी भी दशा में समाज में रहने की इजाजत नहीं होती है. साथ ही यहां शराब पर भी पा