Samachar Nama
×

शुभ मुहूर्त देखकर चोरी करता था ये चोर, जानकर पुलिस की रह गई हैरान

;;;;;;;;;

आपने अक्सर लोगों को नए काम शुरू करने के लिए शुभ दिन चुनते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी चोर को चोरी करने के लिए विशेष दिन चुनते देखा है? शायद नहीं। लेकिन हैदराबाद पुलिस ने एक ऐसे ही चोर को पकड़ा है, जो चोरी करने के लिए सिर्फ और सिर्फ मंगलवार का दिन चुनता था। इस चोर की कहानी जानकर पुलिस वाले भी हैरान रह गए।

मोहम्मद समीर खान नाम के इस चोर ने तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के कई इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया, लेकिन उसकी खासियत यह थी कि वह हफ्ते में केवल एक ही दिन चोरी करता था—मंगलवार। ऐसा अंधविश्वासी चोर आपने शायद पहले कभी नहीं देखा होगा। समीर के साथ उसका साथी मोहम्मद शोएब भी है, जिन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में समीर ने पुलिस को बताया कि उसकी आंखों की रोशनी कमजोर है, इसलिए वह दिन में चोरी करता था। साथ ही, उसने बताया कि वह चोरी करने के लिए मंगलवार का दिन इसलिए चुनता था क्योंकि उसे लगता था कि मंगलवार उसका शुभ दिन है और तभी चोरी में सफलता मिलती है। समीर की इस मान्यता को सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए।

पुलिस ने दोनों के कब्जे से करीब 21 लाख रुपए का 700 ग्राम सोना भी बरामद किया है। बताया गया कि ये दोनों मोटरसाइकिल पर चोरी करने जाते थे और ऐसे घरों को निशाना बनाते थे जिनके दरवाजे बाहर से ताले लगे होते थे। एक चोर घर के अंदर घुसता था और पांच से दस मिनट में चोरी पूरी करके बाहर आ जाता था, जबकि दूसरा बाहर इंतजार करता था।

हैदराबाद पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार ने बताया कि समीर के पूर्वज अफगानिस्तान से आए थे। आंखों की कमजोरी के कारण समीर दिन में चोरी करता था, क्योंकि वह अंधेरे में ठीक से देख नहीं पाता था। इस अजीब अंधविश्वास ने उसे हर मंगलवार चोरी करने के लिए प्रेरित किया, जिससे वह लंबे समय तक पकड़ा नहीं गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समीर और शोएब ने तेलंगाना और कर्नाटक में 30 से ज्यादा चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था। उनकी ये चोरी की वारदातें लगातार पुलिस के लिए एक चुनौती बनी हुई थीं। लेकिन अंततः पुलिस ने उनकी चालाकी को पकड़ लिया।

यह मामला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि आम तौर पर चोर किसी भी समय चोरी कर लेते हैं, लेकिन समीर ने अपनी आंखों की समस्या और अंधविश्वास की वजह से चोरी के दिन को लेकर सख्त नियम बना रखा था। यह अंधविश्वास और आंखों की कमजोरी उनकी चोरी की रणनीति का हिस्सा थी।

इस चोर की कहानी से यह सीख भी मिलती है कि चाहे कोई काम कितना भी गलत क्यों न हो, अंधविश्वास इंसानों की सोच पर गहरा असर डालता है। समीर का मानना था कि सिर्फ मंगलवार ही उसके लिए चोरी का शुभ दिन है, इसलिए वह दूसरे दिनों चोरी नहीं करता था। यह सोच उसे एक अलग ही तरह की पहचान देती है।

हालांकि, अंततः कानून ने उसे पकड़ ही लिया और अब वह अपने किए की सजा भुगत रहा है। यह कहानी हमें बताती है कि चाहे इंसान कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के हाथ कभी न कभी उसे पकड़ ही लेते हैं।

इस अनोखे चोर की कहानी हमारे समाज में अंधविश्वास की गंभीरता और उसके प्रभाव को भी उजागर करती है। साथ ही, यह पुलिस की तत्परता और मेहनत की मिसाल भी है कि कैसे उन्होंने एक चालाक चोर को पकड़कर न्याय के सामने लाया।

अंत में, यह मामला एक चेतावनी भी है कि चोरी और अपराध कभी भी सही रास्ता नहीं हो सकता। अंधविश्वास के चक्कर में भी गलत काम करना इंसानियत के खिलाफ है और इसका नतीजा हमेशा बुरा ही होता है। कानून का भय और समाज का नियम हर व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

Share this story

Tags