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श्री कृष्‍ण का ऐसा अनोखा मंदिर, जिसके अपने आप खुलते और बंद होते हैं कपाट, हर दिन सुबह देखने को मिलता है चमत्कार

भारत मंदिरों का देश है. हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। कई मंदिरों में भक्तों को चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। भगवान श्रीकृष्ण का.............
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भारत मंदिरों का देश है. हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। कई मंदिरों में भक्तों को चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी जल्द ही आने वाली है. तो आज हम आपको श्री कृष्ण के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो रहस्यों से भरा है और वहां हर सुबह अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। यह रहस्यमयी मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा में है। मथुरा के वृन्दावन में स्थित यह मंदिर निधिवन में है।

निधिवन में स्थित इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान कृष्ण प्रतिदिन शयन के लिए आते हैं। खास बात यह है कि इस मंदिर में भगवान के शयन के लिए मंदिर के दरवाजे अपने आप खुलते और बंद होते हैं। कई लोगों ने इसका रहस्य जानने की कोशिश की है लेकिन आज तक कोई भी इसमें सफल नहीं हो पाया है।

वृन्दावन के निधिवन में स्थित भगवान कृष्ण का यह मंदिर बहुत चमत्कारी है। इस मंदिर के बारे में कई कहानियां प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान के शयन के लिए प्रतिदिन एक बिस्तर बनाया जाता है। मंदिर प्रशासन द्वारा हर शाम कपाट बंद करने से पहले साफ गद्दे और चादरें बिस्तर के रूप में बिछाई जाती हैं। सुबह जब मंदिर खुलता है तो बिस्तर पर चादरें बिछी होती हैं। ऐसा लग रहा है मानो इस बिस्तर पर कोई सोया हो.

मंदिर में एक और चमत्कार देखने को मिलता है. इस मंदिर में भक्तों को माखन और मिश्री का प्रसाद बांटा जाता है। जो प्रसाद बच जाता है उसे मंदिर में ही रख दिया जाता है, लेकिन सुबह तक यह प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है। मान्यता है कि इस प्रसाद को भगवान श्रीकृष्ण स्वयं खाते हैं।

न्दावन के निधिवन के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी रासलीला करते हैं। अगर कोई व्यक्ति इस रासलीला को देखने की कोशिश करता है तो या तो पागल हो जाता है या फिर अपनी आंखों की रोशनी खो देता है। इसीलिए मंदिर के पास के घरों में खिड़कियाँ नहीं होती हैं। शाम को आरती के बाद पुजारी भी अंदर नहीं जाते। ऐसे में इस मंदिर में शाम की आरती के बाद मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है.

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