हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना यह मंदिर जहां दोनों धर्मों के लोग झुकाते हैं सिर, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य
सनातन धर्म में भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं. साथ ही जीवन में खुशियां आती हैं. वहीं भारत में राम भक्त हनुमान जी के कई ऐसे चमत्कारी मंदिर हैं, जिनमें दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और दूसरे धर्मों के लोग भी यहां पूजा करते हैं, तो आइए जानते हैं इस दिव्य धाम के बारे में, कहां स्थित है ये?
कहां स्थित है हनुमान मंदिर?
दरअसल, हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के गडग जिले के कोरीकोप्पा गांव में स्थित लक्ष्मेश्वर हनुमान मंदिर की, जहां मुस्लिम समुदाय द्वारा पवन पुत्र की भव्य पूजा की जाती है. इस मंदिर को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. मान्यता है कि इस धाम में दर्शन करने आने वाले लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही भगवान राम के साथ हनुमान जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
हनुमान मंदिर से जुड़ी कहानी इस मंदिर को लेकर एक कहानी प्रचलित है, जिसमें बताया जाता है कि एक बार कर्नाटक के इस गांव में हैजा की बीमारी फैल गई थी. जिसके कारण गांव के सभी लोग धीरे-धीरे वहां से जाने लगे. इसके बाद गांव में कोई नहीं बचा. गांव के इस चमत्कारी हनुमान मंदिर पर लोगों की अटूट आस्था थी, जिसके कारण इस महामारी के दौरान भी यहां मौजूद कुछ मुस्लिम परिवार इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते रहे. तब से इस हनुमान मंदिर की जिम्मेदारी मुस्लिम समुदाय के पास है और आज भी वे इस परंपरा का पालन कर रहे हैं.

