Samachar Nama
×

रहस्यों से भरी है ये झील, यहां आने वाला हर पशु-पक्षी पलभर में बन जाता है पत्थर

kk

दुनिया में रहस्य और अजूबों की कोई कमी नहीं है। कहीं पेड़ों पर पैसे उगने की कहानियाँ सुनने को मिलती हैं, तो कहीं ऐसी नदियाँ हैं जिनमें सोना बहता है। पर आज हम आपको जिस स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, वह विज्ञान और रहस्य का एक ऐसा संगम है, जिसे जानकर कोई भी दंग रह जाएगा। यह स्थान है अफ्रीकी देश तंजानिया की एक झील — नेट्रन झील (Lake Natron), जो अपने भीतर ऐसे रहस्य समेटे है जिसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

कहां है नेट्रन झील?

नेट्रन झील तंजानिया के उत्तरी भाग में स्थित है, जो केन्या की सीमा के पास है। यह झील ग्रेट रिफ्ट वैली के अंदर आती है, और अपने डरावने रहस्यों और वैज्ञानिक विशेषताओं के कारण दुनियाभर में चर्चा का विषय रही है। इस झील की सबसे खास बात यह है कि यहां पहुंचने वाला हर पशु-पक्षी कुछ ही समय में पत्थर में बदल जाता है।

फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट की खोज

इस झील की रहस्यमयता तब और चर्चित हुई जब मशहूर फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट (Nick Brandt) तंजानिया के इस क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने जब नेट्रन झील के किनारों पर नजर डाली, तो वहां उन्हें जानवरों और पक्षियों की पत्थर जैसी मूर्तियाँ दिखाई दीं। यह देखकर वे चौंक उठे। पहले तो उन्हें लगा कि ये कोई आर्टवर्क हैं, लेकिन नजदीक से जांच करने पर पता चला कि ये वास्तव में मृत पशु-पक्षी हैं जो झील के पानी के प्रभाव से कठोर और कैल्सीफाइड हो चुके हैं।

ब्रांड्ट ने इन विचित्र दृश्यों को कैमरे में कैद किया और अपनी प्रसिद्ध फोटोग्राफी बुक “Across the Ravaged Land” में इनका उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि यह झील देखने में जितनी खूबसूरत लगती है, उतनी ही खतरनाक भी है।

क्या है इस झील का वैज्ञानिक रहस्य?

नेट्रन झील में नमक, सोडा और अन्य खनिजों की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है। यह झील अत्यधिक अल्कलाइन (क्षारीय) है, जिसकी pH वैल्यू 9 से 10.5 के बीच होती है — जो कि अमोनिया जितनी क्षारीयता है। इतना ही नहीं, झील का तापमान गर्मियों में 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

इन खतरनाक तत्वों की उपस्थिति झील को इतना ज़्यादा संक्षारणशील बनाती है कि जब कोई पशु या पक्षी इस झील में गलती से गिर जाता है, तो वह जल्दी ही मर जाता है। फिर झील के पानी में मौजूद खनिज उसके शरीर को कैल्सिफाई (Calcium化) कर देते हैं यानी वह धीरे-धीरे पत्थर जैसी स्थिति में बदल जाता है।

ममी बनाने वाले तत्व की मौजूदगी

नेट्रन झील में एक और दिलचस्प बात यह है कि इसके पानी में नैट्रॉन (Natron) नामक तत्व पाया जाता है, जो ज्वालामुखी की राख में भी पाया जाता है। यही तत्व प्राचीन मिस्र के लोग ममी बनाने के लिए शवों को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस्तेमाल करते थे। इसलिए यह झील अपने आप में एक प्राकृतिक ममीकारक (Natural Mummifier) बन चुकी है।

क्या पक्षी जानबूझकर यहां आते हैं?

हालांकि नेट्रन झील की यह विषैली प्रकृति कई प्राणियों के लिए जानलेवा है, लेकिन एक पक्षी है जो इस झील को अपना घर बनाता है — फ्लेमिंगो। लाखों की संख्या में फ्लेमिंगो हर साल यहां प्रजनन के लिए आते हैं, क्योंकि इस झील में पाए जाने वाले नीले-हरे शैवाल (cyanobacteria) उनके भोजन का मुख्य स्रोत हैं।

फ्लेमिंगो इस झील में छोटे-छोटे द्वीपों पर अंडे देते हैं, और गर्म झील के पानी तथा ऊंचे क्षारीय स्तर के कारण इन अंडों को शिकारियों से सुरक्षा मिलती है। यह एक उदाहरण है कि किस तरह प्रकृति के सबसे कठिन वातावरण में भी जीवन का अनोखा संतुलन मौजूद है।

ब्रांड्ट की तस्वीरों में जीवन और मृत्यु का संतुलन

निक ब्रांड्ट ने नेट्रन झील से मिले मृत पक्षियों को बिना किसी हेर-फेर के पेड़ों या पत्थरों पर रखकर उनकी तस्वीरें लीं। उन्होंने कहा कि ये जीव अब चट्टानों जैसे मजबूत हो चुके थे, इसलिए उन्हें वैसा का वैसा ही रखा गया। उनकी तस्वीरें देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो समय वहीं रुक गया हो। यह दृश्य प्रकृति की शक्ति और रहस्य को उजागर करता है।

निष्कर्ष

नेट्रन झील केवल एक झील नहीं, बल्कि प्रकृति की प्रयोगशाला है, जहां जीवन और मृत्यु के बीच का फासला पलभर का है। यह हमें याद दिलाती है कि धरती पर आज भी ऐसे कई स्थान हैं जो वैज्ञानिक तथ्यों और रहस्यों से भरे पड़े हैं।

जहां एक ओर यह झील खतरे और मृत्यु का प्रतीक बन चुकी है, वहीं दूसरी ओर यह जीवन, जैविक संतुलन और प्राकृतिक संरक्षण का उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।

तो अगली बार जब आप किसी झील के पास जाएं और वहां का पानी आपको आम नजर आए — एक बार नेट्रन झील की कहानी ज़रूर याद करिएगा।

Share this story

Tags