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 सबसे डरावना और रहस्यमयी चर्च, जिसे 70 हजार नर कंकालों से सजाया गया

आपने इसे दुनिया भर के कई चर्चों के बार में सुना होगा और कुछ चर्चों को देखा भी होगा। लेकिन आज तक ऐसा कोई चर्च नहीं देखा गया जो मानव कंकालों से सजा हो। आज हम आपको एक ऐसे ही चर्च के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे दुनिया का सबसे डरावना और रहस्यमयी चर्च माना जाता है। क्योंकि इस चर्च में सजावट के लिए एक या दो हजार नहीं बल्कि 70 हजार नर कंकालों का इस्तेमाल किया गया है। बेहद डरावना होने के बावजूद भी लाखों पर्यटक इस चर्च को देखने के लिए यहां आते हैं।

एक अनुमान के अनुसार, हर साल दो लाख से अधिक लोग इस अनोखे चर्च को देखने आते हैं। आपको बता दें कि इस चर्च का नाम सेडलेक ऑस्युअरी है। जो चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में स्थित है। कहा जाता है कि इस चर्च को सजाने के लिए 40 हजार से 70 हजार लोगों की हड्डियों का इस्तेमाल किया गया है। यहां छत से लेकर झूमर तक सब कुछ मानव हड्डियों से बना है। इसीलिए इस चर्च को 'चर्च ऑफ बोन्स' के नाम से भी जाना जाता है।

आपको बता दें कि इस चर्च का निर्माण करीब 150 साल पहले यानी 1870 में हुआ था। दरअसल, इस चर्च को मानव हड्डियों से सजाने के पीछे एक बेहद रहस्यमयी वजह है। वर्ष 1278 में बोहेमिया के राजा ओट्टोकर द्वितीय ने हेनरी नामक एक संत को ईसाइयों की पवित्र भूमि येरुशलम भेजा। दरअसल, यरूशलेम को ईसा मसीह का जन्मस्थान कहा जाता है। उन्हें भी यहीं क्रूस पर चढ़ाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि जब संत येरुशलम से लौटे तो वे अपने साथ पवित्र मिट्टी से भरा एक बर्तन लेकर आये।

इसके बाद उस मिट्टी को कब्रिस्तान के ऊपर डाल दिया गया। तब से यह लोगों के लिए पसंदीदा दफन स्थान बन गया है। कब्रिस्तान में पवित्र मिट्टी की उपस्थिति के कारण लोग मृत्यु के बाद वहीं दफनाना चाहते थे और ऐसा होने लगा। इसी बीच 14वीं शताब्दी में 'ब्लैक डेथ' महामारी फैली, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग मारे गए। उन्हें प्राग के उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया जहां पवित्र भूमि रखी गई थी।

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