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ये है हिमालय का सबसे रहस्यमयी शक्ति स्थल! जहां बर्फ पड़ते ही बंद हो जाते हैं दरवाज़े, जिसने नियम तोड़ा वो फिर लौटा नहीं

ये है हिमालय का सबसे रहस्यमयी शक्ति स्थल! जहां बर्फ पड़ते ही बंद हो जाते हैं दरवाज़े, जिसने नियम तोड़ा वो फिर लौटा नहीं

हिमालय पर एक अनोखा देवी मंदिर है। यह मंदिर सर्दियों में बंद रहता है, केवल गर्मियों में ही दर्शन की अनुमति होती है। सर्दियों में इस मंदिर के बंद होने के पीछे मुख्य कारण बर्फबारी है, लेकिन एक और कारण भी है, जिसके कारण प्रशासन लोगों को यहां जाने की अनुमति नहीं देता। यह कारण एक रहस्य है, जो आज तक अनसुलझा है। कहा जाता है कि सर्दियों के दौरान कई लोग इस मंदिर में दर्शन करने आए, फिर वे नहीं मिले। मंडी जिले की सबसे ऊंची चोटी शिकारी चोटी और शिकारी माता मंदिर है। सर्दियां शुरू होने के बाद कोई भी व्यक्ति या ट्रैकर यहां नहीं जा पाएगा। सर्दियां शुरू होने के बाद इस इलाके में ठंड काफी बढ़ गई है और कभी भी बर्फबारी हो सकती है। इसलिए प्रशासन ने लोगों के यहां जाने पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि यह रोक हर बार लगाई जाती है। सर्दियों में बढ़ती ठंड और बर्फबारी के अलावा इस मंदिर में जाने पर रोक का एक और कारण है।

कपड़े बंद, पुजारी भी मंदिर छोड़कर गए
हर बार, सर्दियों से ठीक पहले, इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यहाँ के पुजारी भी विपरीत परिस्थितियों के कारण इस शीतकाल में यहाँ नहीं रुकते। अब एसडीएम मंडी ने भी आदेश जारी कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति या ट्रैकर गर्मियों तक शिकारी माता मंदिर नहीं जाएगा। यह निर्णय जनहित को ध्यान में रखते हुए हर शीतकाल में लिया जाता है।

कई लोग लापता, नहीं मिले

शिकारी माता मंदिर एक ऊँची चोटी पर है। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन के आदेश की अवहेलना करते हुए कई लोग शीतकाल में शिकारी देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुँच गए थे। बाद में उनमें से कुछ लापता हो गए। कई लोगों की जान चली गई, जो लापता हुए, उनका आज तक कोई पता नहीं चल पाया है। इसलिए प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने में ही समझदारी है। सर्दियों में इस ट्रैक पर जाना मौत को दावत देना है।

गर्मियों में फिर खुलेंगे कपाट

सर्दियाँ आने पर इस पूरी घाटी में भारी बर्फबारी होती है। लगभग तीन महीने तक यहाँ कोई नहीं पहुँचता। इसके बाद अप्रैल में पुजारी फिर से मंदिर पहुँचते हैं। वे मंदिर के कपाट खोलकर माता की पूजा करते हैं। यहाँ ट्रैकिंग भी गर्मियों में ही होती है।

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