
गांव की ज़िंदगी को आमतौर पर संघर्ष से भरी, साधनों की कमी और आर्थिक तंगी से जोड़ा जाता है। अधिकतर गांवों में लोग खेती-किसानी और मजदूरी कर के अपनी गुजर-बसर करते हैं। लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जिसने इन सभी धारणाओं को पूरी तरह से बदल दिया है। इस गांव का नाम है बोमजा (Bomja), और यह एशिया महाद्वीप का सबसे अमीर गांव बन चुका है।
कहां है बोमजा गांव?
बोमजा गांव, अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित है। तवांग एक सामरिक दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित है। तवांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बौद्ध संस्कृति और रणनीतिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। इसी जिले के एक छोटे से गांव बोमजा ने अब पूरे एशिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
बोमजा बना एशिया का सबसे अमीर गांव कैसे?
कुछ साल पहले तक बोमजा भी भारत के आम गांवों की तरह ही था — सीमित संसाधन, ग्रामीण जीवन, और कृषि पर आधारित आमदनी। लेकिन इस गांव की किस्मत उस वक्त बदल गई जब भारत सरकार ने रक्षा आवश्यकताओं के लिए इस गांव की ज़मीन अधिग्रहण कर ली।
सरकार ने गांव की ज़मीन सेना की जरूरतों के लिए अधिग्रहित की और बोमजा के लोगों को ज़मीन के बदले भारी मुआवजा दिया। इस अधिग्रहण के तहत गांव के 31 परिवारों को कुल 40 करोड़ 80 लाख 38 हजार 400 रुपये का मुआवजा मिला। इस रकम ने गांव के हर व्यक्ति को करोड़पति बना दिया।
मुआवजे का ब्योरा
सरकार ने इस गांव के 29 परिवारों को औसतन 1,09,03,813.37 रुपये मुआवजे के रूप में दिए। इसके अलावा:
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एक परिवार को मिला ₹2,44,97,886.79
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एक अन्य परिवार को मिला ₹6,73,29,925.48
यह रकम न केवल उस क्षेत्र के बल्कि पूरे देश के अन्य ग्रामीण इलाकों की तुलना में अभूतपूर्व है।
ज़मीन अधिग्रहण का उद्देश्य क्या था?
सरकार ने यह जमीन भारतीय सेना के लिए रेजिडेंशियल और ऑपरेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के उद्देश्य से अधिग्रहीत की थी। इस इलाके में एक नई सेना यूनिट स्थापित की जाएगी जिससे तवांग जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा और अधिक मजबूत की जा सके।
तवांग वह क्षेत्र है जिस पर चीन लगातार दावा करता रहा है। ऐसे में यहां पर भारतीय सेना की उपस्थिति बेहद जरूरी है। इस रणनीतिक योजना का लाभ सीधे गांववालों को करोड़पति बनाकर मिला।
गरीब ढूंढना हुआ नामुमकिन
बोमजा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आज इस गांव में कोई भी गरीब नहीं है। हर परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है और उन्होंने अपनी जीवनशैली में बड़ा बदलाव किया है। कहीं पक्के मकान बन रहे हैं, तो कहीं आधुनिक गाड़ियां खरीदी जा रही हैं।
बोमजा बना रोल मॉडल
बोमजा गांव ने साबित किया है कि सरकारी योजनाएं और सही मुआवजा नीति ग्रामीण जीवन को किस तरह से पूरी तरह से बदल सकती हैं। यह गांव अब बाकी ग्रामीण भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। यहां के लोग अब बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवनशैली की ओर अग्रसर हो चुके हैं।
निष्कर्ष
बोमजा गांव की कहानी अपने आप में एक आश्चर्यजनक मिसाल है — जहां एक सरकारी नीति ने न सिर्फ एक गांव की सूरत बदल दी, बल्कि उसे एशिया के सबसे अमीर गांवों में शुमार कर दिया। यह एक उदाहरण है कि अगर सरकार और जनता साथ मिलकर काम करें, तो बदलाव किसी चमत्कार से कम नहीं होता।
बोमजा अब सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि बदलते भारत का चमकता हुआ प्रतीक बन चुका है।