
आज विज्ञान और तकनीक ने हमारी जिंदगी को इतनी तेजी से बदला है कि हर दिन कोई नई चीज चौंकाने को तैयार रहती है। अब तक आपने केला खाने से पहले उसका छिलका हटाया होगा, लेकिन अब एक ऐसा केला आ चुका है जिसे छिलके समेत खाया जा सकता है — और वो भी बिना किसी डर के। जी हां, यह कोई भविष्य की बात नहीं बल्कि जापान के वैज्ञानिकों और किसानों की मेहनत का नतीजा है।
जापानी किसानों की अनोखी खोज
जापान के ओकायामा प्रांत में स्थित D&T फार्म के किसानों ने ऐसा केला तैयार किया है जिसे छीलने की जरूरत ही नहीं है। इसका नाम रखा गया है "मॉन्गे केला" (Mongee Banana)। जापानी भाषा में "मॉन्गे" का मतलब होता है — अविश्वसनीय। और सच में, यह केला अपने नाम पर पूरी तरह खरा उतरता है।
वैज्ञानिक तकनीक से उगाया गया खास केला
इस खास केले को बनाने में जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, वह है — "फ्रीज़ थॉ अवेकनिंग" यानी जमाना, पिघलाना और फिर से जगाना। इस प्रक्रिया में केले के बीज या अंकुरों को पहले -60 डिग्री सेल्सियस पर फ्रीज़ किया गया, फिर उन्हें सामान्य तापमान पर वापस लाकर बोया गया। यह तापमान परिवर्तन पौधे को तेज़ी से बढ़ने और ठंडी जलवायु के अनुकूल ढलने में मदद करता है।
यह प्रक्रिया 20,000 साल पुराने हिमयुग की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश करती है। इस तकनीक ने जापान जैसी ठंडी जलवायु में, जहां केले सामान्यतः नहीं उगते, वहाँ भी मीठे और पूरी तरह खाने योग्य केले पैदा कर दिखाया है।
मॉन्गे केला की खासियतें
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छिलके समेत खाया जाने वाला केला:
इस केले का छिलका बहुत मुलायम और पतला होता है, जिससे इसे आराम से खाया जा सकता है। छिलके में विटामिन B6, मैग्नीशियम, और ट्रिप्टोफैन पाया जाता है — जो सेरोटोनिन के निर्माण में मदद करता है। सेरोटोनिन मूड को बेहतर बनाने और नींद लाने में मदद करता है। -
अधिक मीठा स्वाद:
मॉन्गे केला में सामान्य केले की तुलना में 24.8 ग्राम शुगर होती है, जबकि आमतौर पर केलों में 18.3 ग्राम शुगर पाई जाती है। इस कारण इसका स्वाद और भी मीठा और लाजवाब होता है। -
तेज़ी से उगता है:
आमतौर पर एक केला पकने में लगभग 2 साल लेता है, जबकि मॉन्गे केला सिर्फ 4 महीने में पूरी तरह तैयार हो जाता है। -
उच्च मांग और सीमित उत्पादन:
इसकी सीमित मात्रा में बिक्री की जाती है — हर सप्ताह सिर्फ 10 केले बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। यह रणनीति इसकी मांग को और भी ज्यादा बढ़ा देती है।
कीमत जानकर रह जाएंगे दंग
मॉन्गे केला की कीमत भी उतनी ही "अविश्वसनीय" है जितना इसका नाम। 5.63 अमेरिकी डॉलर यानी करीब ₹361 प्रति केला। जी हां, यह कोई दर्जनों के भाव नहीं, एक-एक केले की कीमत है।
हालांकि जापान जैसे देश में, जहां 99% केले आयात किए जाते हैं, वहाँ फलों की कीमत वैसे भी ज्यादा होती है। लेकिन मॉन्गे केला इन सबसे अलग है — न सिर्फ अपनी खासियतों की वजह से, बल्कि अपने स्वाद और तकनीकी उत्पत्ति की वजह से भी।
मॉन्गे केला की लोकप्रियता और भविष्य
मॉन्गे केला की मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर उन लोगों में जो स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं और नई चीजें आजमाने में रुचि रखते हैं। D&T फार्म की वेबसाइट पर बताया गया है कि केले का छिलका एक सुपरफूड की तरह है, जिसे लोग अक्सर कचरे में फेंक देते हैं।
इसके स्वास्थ्य लाभ, स्वाद, और तकनीकी विशेषताएं इसे न केवल एक “फैंसी फ्रूट” बनाती हैं, बल्कि यह भविष्य के स्मार्ट फलों की ओर भी संकेत करता है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह केला भी आम केलों की तरह भूरा होता है या नहीं, लेकिन लोगों की रुचि इसमें लगातार बढ़ रही है।
निष्कर्ष
मॉन्गे केला विज्ञान, खेती और नवाचार का बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाता है कि यदि वैज्ञानिक सोच और परंपरागत खेती का मेल हो, तो कुछ भी संभव है। यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि एक संदेश है — कि भविष्य की खेती ज्यादा पोषक, टिकाऊ और सुविधाजनक हो सकती है।
तो अगली बार जब आप केला खाएं, तो सोचिए — क्या ऐसा भी दिन आएगा जब भारत में भी छिलका खाने वाला केला मिलेगा? शायद हां, और शायद वो दिन ज्यादा दूर नहीं!