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खूबसूरत महिलाओं को अपना सुरक्षा गार्ड बनाता था यह तानाशाह, घड़ी की कीमत जानकर दंग रह गई दुनिया

खूबसूरत महिलाओं को अपना सुरक्षा गार्ड बनाता था यह तानाशाह, घड़ी की कीमत जानकर दंग रह गई दुनिया

लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की दुर्लभ कलाई घड़ी हाल ही में दुबई में नीलाम हुई और उसकी नीलामी के दाम ने सभी को हैरान कर दिया। गद्दाफी के आदेश पर 1979 में पाटेक फिलिप द्वारा बनाई गई इस घड़ी की नीलामी कीमत 1.34 करोड़ रुपए (1,93,750 डॉलर) तक पहुंच गई, जो न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि अपने आप में एक दुर्लभ और अनोखी वस्तु मानी जाती है।

गल्फ न्यूज के मुताबिक, इस कलाई घड़ी के लिए 25,000 डॉलर तक की बोली लगाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन एक अनाम बोलीदाता ने इस घड़ी के लिए बोली को 675 प्रतिशत बढ़ाकर एक असाधारण राशि में इसे खरीद लिया। यह घड़ी केवल 18 कैरेट सोने से बनी है और इसका आकार कुशन के रूप में है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

घड़ी पर लिखा खास संदेश

घड़ी में अरबी भाषा में एक खास संदेश लिखा हुआ है, "जब आपको जरूरत होगी, तभी आजादी मिलेगी"। इस संदेश का गहरा राजनीतिक और ऐतिहासिक संदर्भ है, जो गद्दाफी के शासन और उनके विचारों से जुड़ा हुआ है। गद्दाफी ने इस घड़ी पर अपना हस्ताक्षर भी किया हुआ था, जो इसे और भी विशिष्ट बना देता है। इस घड़ी का केवल एक अन्य संस्करण दुनिया में मौजूद है, जिसमें यही संदेश अंग्रेजी में लिखा हुआ है।

गद्दाफी का अनोखा शौक और रंगीन मिजाज

गद्दाफी अपनी रंगीन मिजाजी और अजीबोगरीब शौक के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध थे। उनके पास हमेशा खूबसूरत महिला बॉडीगार्ड्स का एक घेरा रहता था, जो उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। यह महिला बॉडीगार्ड्स उनकी जान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने से नहीं हिचकती थीं। उनकी इन अनोखी आदतों और रंगीन व्यक्तित्व ने उन्हें एक विवादास्पद लेकिन प्रसिद्ध शख्सियत बना दिया था।

घड़ी की ऐतिहासिक यात्रा

यह घड़ी गद्दाफी के द्वारा अपने सहयोगियों को उपहार में दी गई थी, और साल 1978 में लीबिया के मजदूर दिवस पर गद्दाफी ने इसे पहना था। यह घड़ी न केवल एक कीमती धरोहर है, बल्कि इसके पीछे गद्दाफी के व्यक्तिगत जीवन और राजनीतिक आदर्शों का भी एक गहरा संबंध है।

नीलामी में इस घड़ी की कीमत ने सबको चौंका दिया क्योंकि यह एक ऐतिहासिक वस्तु है, जिसकी कीमत ऐतिहासिक घटनाओं और गद्दाफी के शासन के साथ जुड़ी हुई है। घड़ी की नीलामी ने न केवल गद्दाफी के व्यक्तित्व को फिर से ताजा किया, बल्कि यह उनके शासनकाल और जीवनशैली को भी याद दिलाया।

गद्दाफी का पतन और मृत्यु

गद्दाफी ने 1969 में लीबिया की सत्ता पर कब्जा किया था, और 2011 में हुए जन आंदोलन के बाद उसे अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। उसके बाद गद्दाफी को विद्रोहियों ने पकड़ लिया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। गद्दाफी का निधन लीबिया के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक मोड़ था, लेकिन उनकी यादें आज भी कई मायनों में जीवित हैं।

निष्कर्ष

गद्दाफी की घड़ी की नीलामी एक दिलचस्प घटना है, जो न केवल एक ऐतिहासिक वस्तु को उजागर करती है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि राजनीति, इतिहास और व्यक्तिगत शौक कैसे एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। इस घड़ी के नीलाम होने से गद्दाफी के जीवन और उनके शासन की यादें फिर से ताजगी से सामने आई हैं। साथ ही, यह दिखाता है कि वस्तुएं कितनी महंगी और महत्वपूर्ण हो सकती हैं, यदि वे किसी ऐतिहासिक व्यक्ति और उसके समय से जुड़ी हों।

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