ये हैं धरती के सबसे अजब-गजब गाँव, जिनके नाम और हालात जानकर आप भी सिर खुजाने पर हो जाएंगे मजबूर

दुनिया बहुत बड़ी है और इसके हर कोने में कई तरह की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधताएं हैं, उन्हीं विविधताओं में अलग-अलग देशों में स्थित अनोखे गांव भी शामिल हैं, जो अपनी खट्टी-मीठी वजहों से चर्चा में आते हैं।
बिना सड़क वाला गांव 'गीथॉर्न'
आज सड़कें हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यूरोपीय देश नीदरलैंड में एक ऐसा गांव भी है, जहां सड़कें नहीं हैं, यहां के लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल करते हैं। इस गांव का नाम है गीथॉर्न, जो नीदरलैंड के ओवरिजेल प्रांत में स्थित है। यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां हर तरफ नहरों का जाल बिछा है, जिसकी मदद से लोग यात्रा करते हैं। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और शांति किसी को भी अपना दीवाना बना लेती है। पर्यटक इसे नीदरलैंड के वेनिस के नाम से भी जानते हैं। यहां कार लेकर आना भी मना है। पर्यटकों को गांव के बाहरी इलाके में कार पार्क करनी पड़ती है।
सबसे लंबे नाम वाला गांव
इस गांव का नाम बोलने में आपको काफी समय लगेगा- 'लैन वियर पुल गुइन गिल गो गेर यू क्विरन ड्रोब उल लैंडस इलियो गोगो गोच' नाम का यह गांव यूनाइटेड किंगडम के एंगलसी द्वीप पर है। 58 अक्षरों के इस नाम का मतलब है 'व्हाइट हेज़ल की घाटी में तेज भवन के पास सेंट मैरी चर्च और रेड केव वाला सेंट सुलियो चर्च'। वैसे, यह नाम जानबूझकर इसलिए रखा गया है ताकि पर्यटक इसकी ओर आकर्षित हों।
यहां रहने वाले लोग बौने हैं
चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित यांग्सी नाम का एक गांव है, जहां के लगभग सभी निवासी बौने हैं, कहा जाता है कि पांच-छह साल की उम्र के बाद यहां के लोगों का शारीरिक विकास रुक जाता है। यहां की एक प्रचलित किंवदंती के अनुसार, वांग नाम के एक ग्रामीण को अजीबोगरीब पैरों वाला एक काला कछुआ मिला था, जिसे उसने पकाकर खा लिया, जिसके बाद वहां के सभी लोग बौनों की तरह रहने लगे। हालांकि, वैज्ञानिक गांव के लोगों के बौने होने का वैज्ञानिक पक्ष जानने में जुटे हैं।
धरती पर भी है नर्क
गांव का नाम पढ़कर आपको हंसी आ रही होगी, लेकिन यह सच है। नॉर्वे में स्थित इस गांव का नाम हेल (यानी नरक) है। हालांकि, इसके नाम के पीछे तर्क यह है कि इसे दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में से एक होने का दर्जा प्राप्त है। यहां का तापमान -25 डिग्री तक रहता है, इसी वजह से यहां रहने वाले लोगों ने इस गांव का नाम नर्क रख दिया है। अब तो सात-आठ डिग्री के तापमान पर भी हम बुरी तरह कांपने लगते हैं, अगर तापमान माइनस 25 डिग्री हो तो यहां की जिंदगी वाकई नर्क जैसी हो जाएगी।
नींद की बीमारी से ग्रसित कलाची गांव
कजाकिस्तान का कलाची गांव और भी अजीब है, यहां लोग अगर सो जाएं तो महीनों तक सोते ही रहते हैं। इसी वजह से इस गांव को 'स्लीपी हॉलो' भी कहा जाता है। ज्यादा सोने को लेकर कहा जाता है कि यहां यूरेनियम की बहुत जहरीली गैस निकलती है, जिसकी वजह से यहां के लोग सोते ही रहते हैं। यहां का पानी भी अत्यधिक प्रदूषित पाया जाता है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है, इन कारणों से लोगों को नींद न आने की बीमारी हो जाती है। यहां तक कि जागने के बाद भी उन्हें पुरानी बातें याद नहीं रहती।
एक किडनी वाला गांव 'किडनी वैली'
नेपाल के होकसे नामक गांव की कहानी बहुत दुखद है, यहां लगभग हर व्यक्ति गरीबी के कारण अपनी एक किडनी बेच देता है। इसी कारण से इस गांव को किडनी वैली भी कहा जाता है। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि अंगों की तस्करी करने वाले लोगों को झूठा आश्वासन देकर किडनी निकाल लेते हैं कि किडनी वापस उग आएगी, जबकि ऐसा असंभव है।