राजस्थान में यहां है संतोषी माता का वास्तविक व 5000 साल पुराना चमत्कारी मंदिर, आज तक कोई नहीं लौटा खाली हाथ

राजस्थान के जोधपुर में स्थित प्रगट संतोषी माता मंदिर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जिसे संतोषी माता का वास्तविक मंदिर माना जाता है। यहां केवल माता की शक्ति रूप की पूजा नहीं होती, बल्कि यहां उनकी भक्ति रूप की आराधना भी की जाती है। इस मंदिर की मान्यता पूरे विश्व में फैली हुई है, और यह धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
यह मंदिर मंडोर मार्ग में स्थित है, जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक अद्भुत स्थल है। मंदिर के पास स्थित लालसागर नामक सरोवर की सुंदरता भक्तों को आकर्षित करती है। इसके आस-पास घनी हरियाली, बरगद, नीम और पीपल के वृक्षों से वातावरण और भी भक्तिमय हो जाता है।
विशेष रूप से आस्था का प्रतीक शेषनाग
मंदिर के ऊपर स्थित पहाड़ी को देखकर भक्तों को ऐसा लगता है जैसे शेषनाग अपनी फन से संतोषी माता को छाया प्रदान कर रहे हैं। यह दृश्य बहुत ही रहस्यमय और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक गहरी आस्था से जुड़ा हुआ है। पहाड़ी के अंदर एक विशेष प्राकृतिक प्रतिकृति भी देखी जा सकती है, जिसमें माता और सिंह के पदचिन्ह दिखाई देते हैं।
अमृत कुण्ड और शिव की मूर्ति
मंदिर के पास एक अमृत कुण्ड भी है, जहां श्रद्धालु स्नान करने आते हैं और अपनी आस्था को व्यक्त करते हैं। इसके पास एक हरा-भरा वृक्ष है, जो कई वर्षों से अपनी स्थिति में बरकरार है, और यहां एक झरना भी बहता है, जिसमें शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है। यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक शांति और ताजगी का अनुभव प्रदान करता है।
नीम नारायण पेड़ और उसकी मान्यता
मंदिर के प्रांगण में एक विशेष वृक्ष स्थित है, जिसे नीम नारायण के नाम से जाना जाता है। यह वृक्ष बरसों पुराना है, जिसमें नीम के तने हैं, लेकिन इसके ऊपर पीपल भी उगा हुआ है। मान्यता है कि इस पेड़ के पवित्र तने में लाल धागा (मौली) बांधने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह पेड़ आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन चुका है, जहां लोग अपने जीवन के संकटों को दूर करने के लिए आते हैं।
निष्कलंक आस्था और शक्ति का मंदिर
प्रगट संतोषी माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था और शक्ति का अद्भुत संगम है। यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, अपनी मनोकामनाएं मां से पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी आध्यात्मिक महिमा भक्तों को शांति और संतोष की भावना प्रदान करती है।