सोचिए कोई पत्थर ऐसा हो जो लोहे को छूते ही सोना बना दे! सुनने में भले ही ये कोई कहानी लगे, लेकिन भोपाल से करीब 50 किमी दूर रायसेन किले में आज भी इस रहस्यमयी पत्थर की खोज जारी है।
🏰 राजाओं की संपत्ति, युद्धों की वजह बना पारस पत्थर!
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माना जाता है कि ये पत्थर रायसेन किले के राजा के पास था।
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जब राजा को एक युद्ध हारने का डर हुआ, तो उन्होंने इस पारस पत्थर को किले के तालाब में फेंक दिया।
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इसके बाद राजा की मृत्यु हो गई और किसी को भी इस पत्थर का पता नहीं चला।
🔍 सदियों से चल रही है खोज, लेकिन…
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राजा की मौत के बाद कई लोगों ने किले में खुदाई करवाई, लेकिन कोई भी पारस पत्थर तक नहीं पहुंच सका।
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आज भी रात के अंधेरे में लोग तांत्रिकों को साथ लेकर इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करते हैं।
👻 जिन्न करता है इस पत्थर की रक्षा?
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मान्यता है कि इस पत्थर की रक्षा एक जिन्न करता है और जो भी इसकी खोज करता है उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।
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पुरातत्व विभाग को आज तक इस पत्थर का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।
📌 क्या यह सिर्फ मिथक है या सच?
पारस पत्थर सदियों से भारतीय लोककथाओं और इतिहास में सपनों की तरह रहा है। लेकिन रायसेन किले की कहानियों ने इसे एक रहस्य बना दिया है जिसे आज भी लोग सुलझाना चाहते हैं।