ये है दुनिया का सबसे पुराना शिव मंदिर, यहां दर्शन मात्र से पूरी हो जाती हैं सभी मनोकामनाएं..
भगवान शिव की इस मूर्ति की सबसे खास बात यह है कि इसका अनावरण महाशिवरात्रि के दिन ही किया गया था। साल 2023 में इस मूर्ति पर सोने का लेप लगाकर पर्दा हटा दिया गया। भगवान शिव की 111 फीट ऊंची प्रतिमा सोने से मढ़ी हुई है।इस प्रतिमा को आप दूर से ही देख सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको इस मूर्ति के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आप यहां महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं।
यह मूर्ति गुजरात के वडोदरा में सुरसागर झील के बीच में बनी है। प्रतिमा में भगवान त्रिशूल के साथ खड़े नजर आते हैं। इस मूर्ति को सर्वेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
भोले बाबा की इस मूर्ति को बनाने में कुल 12 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. मूर्ति पर कुल 17.5 किलो सोना चढ़ाया गया है. पहले यह मूर्ति काले रंग की थी। लेकिन इस पर सुनहरी कोटिंग होने की बजाय यह सुनहरा दिखता है। इस प्रतिमा को बनाने का निर्णय पहली बार 1996 में लिया गया था।
यह प्रतिमा साल 2002 में बनकर तैयार हुई थी. लेकिन 15 साल बाद प्रतिमा पर सोने का लेप लगाने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद साल 2023 में प्रतिमा को सोने से लेपित करने का निर्णय लिया गया।अगर आप दिल्ली मुंबई चंडीगढ़ से दर्शन के लिए जा रहे हैं तो आप ट्रेन से अपनी यात्रा की योजना बना सकते हैं। आपको वडोदरा के लिए ट्रेन मिल जाएगी. इसके बाद रेलवे स्टेशन से सूरसागर झील तक 10 मिनट का सफर है। आप यहां ऑटो या कैब से पहुंच सकते हैं।