दुनिया का सबसे बड़ा वो भूतिया और जानलेवा कब्रिस्तान जहां दफन है 50 लाख से ज्यादा भुत, जाना तो दूर सोच कर भी लोगों की हो जाती है मौत

दुनिया भर के हर धर्म में मृतकों का अंतिम संस्कार अलग-अलग रीति-रिवाजों से किया जाता है। जहां हिंदुओं में इंसानों के शवों को चिता की अग्नि में जलाया जाता है, वहीं मुस्लिम धर्म में उन्हें कब्रों में दफनाने की परंपरा है। वहीं ईसाई धर्म के अनुयायी भी शवों को दफनाने की परंपरा का पालन करते हैं, लेकिन वे शवों को ताबूत में रखकर दफनाते हैं। शवों को दफनाने के कारण कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ जाती है।
इसीलिए दुनिया के कई बड़े शहरों में कुछ सालों के बाद एक कब्र के ऊपर दूसरा शव दफनाया जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कब्रिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान माना जाता है। क्योंकि इस कब्रिस्तान में 50 लाख से भी ज्यादा शवों को दफनाया गया है। यह कब्रिस्तान काफी पुराना है. कहा जाता है कि यहां लोगों को दफनाने का काम पिछले 1400 सालों से किया जा रहा है।
दरअसल, इराक में वादी अल सलाम नाम का कब्रिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान माना जाता है। यह कब्रिस्तान अल नजफ नाम के शहर में स्थित है। जिसका क्षेत्रफल लगभग 1500 एकड़ है। जो करीब 6 किलोमीटर लंबा है. इस कब्रिस्तान में हर दिन लगभग 200 शवों को दफनाया जाता है। इसके पीछे की वजह यहां होने वाला आतंकी हमला है।
इस जगह पर इतने आतंकी हमले होते हैं कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं। आईएसआईएस का डर: पहले इस जगह पर हर साल लगभग 100 से 120 शव दफनाए जाते थे। इस आंकड़े की तुलना में हाल के दिनों में यहां कई गुना ज्यादा लोगों को दफनाया जा रहा है।इस कब्रिस्तान के बारे में कहावत है कि आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने वाले लोग इस कब्र पर आकर मन्नत मांगते हैं। यदि युद्ध के दौरान उनकी मृत्यु हो जाए तो उन्हें इसी कब्रिस्तान में दफनाया जाए। ज़्यादातर मुसलमान ख़ुद को दफ़नाने के लिए इसी कब्रिस्तान को पसंद करते हैं।