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राजस्थान के गुप्त गंगा के नाम से मशहूर वो जलधारा, जिसके स्पर्श मात्र से ठीक हो जाती हैं लाइलाज बीमारियां

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जयपुर के पूर्वी भाग में अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा गलता जी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बना था, और ऐसा माना जाता है कि यहाँ संत गलव ने तपस्या की थी, जिनके नाम पर इस स्थान का नाम 'गलता' पड़ा।

इतिहासकारों के अनुसार गलव ऋषि ने यहां वर्षों तक कठोर साधना की और उन्हें भगवान राम की कृपा प्राप्त हुई। बाद में यह स्थल एक प्रमुख तीर्थ बन गया। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण यहाँ के प्राकृतिक जल स्रोत हैं, जो अरावली की पहाड़ियों से निकलते हैं और सात पवित्र कुंडों में इकट्ठे होते हैं। इनमें से 'गलता कुंड' सबसे पवित्र माना जाता है, जहाँ श्रद्धालु स्नान करके पुण्य प्राप्त करते हैं।

गलता जी मंदिर का निर्माण दीवान राव कृष्णदास ने जयपुर राज्य के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के समय करवाया था। यह मंदिर उस युग की वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें गुलाबी पत्थरों और सुंदर नक्काशी का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।

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