Samachar Nama
×

लोगों की आस्था का केंद्र है संतोषी माता का मंदिर, जानें मां की महिमा

sdfads

उत्तर प्रदेश के सीतापुर शहर के लालबाग चौराहे से कचहरी रोड पर स्थित एक प्राचीन संतोषी माता का मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां जो भी भक्त आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता। मंदिर के दरबार में लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं, और मान्यता है कि मां संतोषी अपनी कृपा से सभी की मनोकामनाओं को पूरी करती हैं।

मंदिर का इतिहास और विशेषताएँ

पुजारी दीपक कुमार दीक्षित के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 1976 में हुआ था। खास बात यह है कि संतोषी माता को खटाई का भोग नहीं चढ़ाया जाता, जबकि अन्य देवी-देवताओं को तमाम तरह के फल चढ़ाए जाते हैं। इस मंदिर में केवल केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा करने पर माता अपने भक्तों की इच्छाएं पूरी करती हैं। खासकर शुक्रवार के दिन यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो मंदिर की धार्मिक मान्यता को दर्शाती है।

भक्तों की आस्था और अनुभव

संतोषी माता के दरबार में आने वाले भक्तों का मानना है कि यहां आकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। अनुज वर्मा, जो पिछले 4 साल से इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, ने बताया कि उन्होंने मां से एक विशेष मनोकामना मांगी थी, जो अब पूरी हो चुकी है। वह कहते हैं, "मां के आशीर्वाद से मेरी सारी मुश्किलें हल हो गईं, और मैं हर बार यहां आकर मां का आभार व्यक्त करता हूं।"

यह मंदिर सिर्फ सीतापुर जिले के नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और पूरे प्रदेश के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि मां संतोषी के दरबार में कभी कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।

Share this story

Tags