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इस रेलवे स्टेशन पर शराब पीकर सो गया स्टेशन मास्टर और फिर ट्रेनों की हुई मनमानी...

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रेलवे व्यवस्था हमारे देश की जीवनरेखा मानी जाती है। रोजाना करोड़ों यात्री ट्रेनों के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं और इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में स्टेशन मास्टर की भूमिका बेहद अहम होती है। स्टेशन मास्टर का काम न केवल ट्रेनों की आवाजाही को नियंत्रित करना होता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और समय पर संचालन सुनिश्चित करना भी होता है। ऐसे में ज़रा सोचिए, अगर स्टेशन मास्टर ही ड्यूटी के वक्त नशे में धुत होकर सो जाए, तो इसका असर कितना भयावह हो सकता है?

ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के मुरशदपुर रेलवे स्टेशन से, जहां एक लापरवाह स्टेशन मास्टर की वजह से कई ट्रेनों की आवाजाही रुक गई और यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

नशे में धुत स्टेशन मास्टर, ट्रेनें बीच रास्ते में रुकीं

यह घटना शुक्रवार रात की है। मुरशदपुर रेलवे स्टेशन, जो कि नजीबाबाद से मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित है, वहां स्टेशन मास्टर दीप सिंह की रात की ड्यूटी थी। लेकिन जिम्मेदारी निभाने की जगह उन्होंने शराब पी ली और स्टेशन की बेंच पर ही सो गए

रात करीब 10:42 बजे देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस नजीबाबाद स्टेशन पर पहुंची। एक्सप्रेस को आगे बढ़ाने के लिए मुरशदपुर से "लाइन क्लियर" की अनुमति जरूरी थी। नजीबाबाद के स्टेशन मास्टर ने दीप सिंह से संपर्क करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इससे स्थिति और बिगड़ गई।

चार एक्सप्रेस और दो मालगाड़ियां फंसीं

दीप सिंह की इस लापरवाही का असर सिर्फ जनता एक्सप्रेस तक ही सीमित नहीं रहा। लाइन क्लीयर न मिल पाने के कारण चार एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा दो मालगाड़ियां भी बीच रास्ते में खड़ी हो गईं। ट्रेनों के समय पर संचालन में भारी बाधा उत्पन्न हो गई और सैकड़ों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुरादाबाद कंट्रोल ने हस्तक्षेप किया और तुरंत नजीबाबाद से एक अन्य स्टेशन मास्टर वीपी शुक्ला को मुरशदपुर भेजा गया। जब वीपी शुक्ला स्टेशन पर पहुंचे तो वहां का नजारा चौंकाने वाला था — स्टेशन मास्टर दीप सिंह नशे में बेंच पर बेसुध पड़े थे

तत्काल निलंबन और जांच के आदेश

घटना की गंभीरता को समझते हुए स्टेशन अधीक्षक आर. के. मीणा ने इस मामले की जानकारी रेलवे पुलिस को दी और मुरादाबाद के सीनियर डीआरओएम को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके तुरंत बाद स्टेशन मास्टर दीप सिंह को निलंबित कर दिया गया और जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह सिर्फ लापरवाही नहीं, यात्रियों की जान से खिलवाड़ है

रेलवे जैसी संवेदनशील और जिम्मेदारी भरी सेवा में तैनात किसी भी अधिकारी द्वारा की गई इस तरह की लापरवाही को सिर्फ एक छोटी भूल कहकर नहीं टाला जा सकता। जब एक स्टेशन मास्टर ड्यूटी पर नशे में पाया जाता है, तो यह यात्रियों की जान और सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ है। ट्रेनों के बीच टकराव, पटरी पर दुर्घटना, या ब्रेक फेल जैसी किसी भी गंभीर घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

मुरशदपुर रेलवे स्टेशन की यह घटना हमारे सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है — क्या हमारी रेल व्यवस्था में ऐसी लापरवाहियों के लिए कोई जगह होनी चाहिए? क्या सख्त निगरानी और जवाबदेही की जरूरत नहीं है?

रेलवे अधिकारियों को चाहिए कि इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लें और व्यवस्था को और अधिक मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह बनाएं, ताकि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो सके। क्योंकि रेल सिर्फ एक साधन नहीं, लाखों जिंदगियों की जिम्मेदारी है।

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