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गुरु शिखर की परछाइयाँ! क्यों सूरज ढलते ही वीरान हो जाता है माउंट आबू का ये पवित्र स्थान, वीडियो में जाने क्या सच में यहां भटकती है आत्मा ?

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राजस्थान के सुंदर पर्वतीय स्थल माउंट आबू की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर को लेकर एक ओर जहां धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर इसके इर्द-गिर्द कई रहस्यमयी कहानियां भी लोगों के बीच वर्षों से चली आ रही हैं। दिन में ये स्थान पर्यटकों के लिए स्वर्ग की तरह लगता है — शांत वातावरण, ठंडी हवाएं, पहाड़ी सुंदरता और मन को मोहित कर देने वाला दृश्य। लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है, ये शांत चोटी डरावने सन्नाटे में तब्दील हो जाती है।स्थानीय लोगों और आसपास के गांवों के बुजुर्गों का कहना है कि रात के समय गुरु शिखर पर कोई भी नहीं रुकता — न टूरिस्ट, न गाइड और न ही पहाड़ी मंदिरों के सेवक। सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या है इस जगह पर जो अंधेरा होते ही डर में बदल जाता है? क्या ये सिर्फ अंधविश्वास है, या फिर कोई ऐसी सच्चाई जो अब तक पर्दे में छिपी हुई है?


दिन की रौनक, रात का रहस्य
गुरु शिखर समुद्र तल से करीब 5,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थल दत्तात्रेय भगवान के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, और दिनभर यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन शाम होते ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं और पुजारी तक पहाड़ से नीचे उतर जाते हैं। कई बार पर्यटकों ने प्रयास किया कि वे रात को वहीं रुकें, लेकिन या तो अजीब घटनाओं के कारण वे खुद वापस आ गए, या अगली सुबह उन्होंने कुछ ऐसा बताया जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं।

आंखोंदेखी: कुछ सच्ची घटनाएं
घटना 1: अहमदाबाद से आए चार युवकों का एक ग्रुप 2023 में गुरु शिखर की ट्रिप पर गया था। वे फोटोग्राफी और रात की स्टार-व्यूइंग के शौकीन थे। उन्होंने ठान लिया कि वे एक रात वहीं रुकेंगे। रात करीब 2 बजे उनमें से एक युवक चिल्लाते हुए उठा और कहने लगा कि किसी ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और फिर पास की झाड़ियों में चला गया। बाकी साथी उसे ढूंढने गए तो उन्होंने दावा किया कि उन्हें वहां एक सफेद छाया दिखी, जो इंसानी आकार की थी लेकिन पैरों के निशान मिट्टी पर उल्टी दिशा में थे।

घटना 2: एक स्थानीय टैक्सी ड्राइवर रमेश जी बताते हैं कि उन्होंने कई बार रात के समय सड़कों पर चलते हुए किसी को देखा है, लेकिन जैसे ही पास पहुंचते हैं, वह आकृति हवा में गायब हो जाती है। “मैं अब उस रास्ते से रात के समय नहीं गुजरता,” वे कहते हैं।

लोककथाएं और धार्मिक मान्यताएं
स्थानीय कहानियों के अनुसार, गुरु शिखर की गुफाओं में पहले तपस्वियों का वास होता था। एक संत ने यहां वर्षों तक तप किया और लोगों की भलाई के लिए अपने प्राण त्यागे। तब से माना जाता है कि उनकी आत्मा आज भी यहां भटकती है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यहां किसी राजा की रानी ने आत्महत्या की थी और वह अब भी यहां न्याय की तलाश में भटक रही है।एक अन्य मान्यता के अनुसार, यहां एक ब्रह्मराक्षस की आत्मा बंधी हुई है जो रात में स्वतंत्र हो जाती है। हालांकि इन सबका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, फिर भी ये कहानियां लोगों के डर को और गहरा कर देती हैं।

वैज्ञानिक नजरिया: क्या यह सिर्फ मन का भ्रम है?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और तापमान में अचानक गिरावट से भ्रम या मतिभ्रम की स्थिति हो सकती है। रात में वातावरण में अधिक स्थैतिक बिजली और वायुमंडलीय दबाव भी इंसानी मस्तिष्क पर प्रभाव डालते हैं, जिससे लोगों को आभासी दृश्य या आवाजें महसूस हो सकती हैं।हालांकि यह वैज्ञानिक तर्क कुछ हद तक संतोषजनक लगता है, परंतु जब अनेक लोग अलग-अलग समय में समान अनुभव साझा करें, तो शक गहराना स्वाभाविक है।

पर्यटन विभाग की सावधानी
राजस्थान पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए गुरु शिखर क्षेत्र में रात को रुकने की अनुमति नहीं दी है। वहां चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं जो स्पष्ट करते हैं कि शाम 6 बजे के बाद उस क्षेत्र में कोई गतिविधि न की जाए। हालांकि, ये कदम सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए हैं, मगर लोगों का मानना है कि इसके पीछे भी कोई अनकही सच्चाई है।

निष्कर्ष: डर, रहस्य या सच्चाई?
गुरु शिखर अपने आप में रहस्य, आस्था और भय का अद्भुत संगम है। जहां दिन में यह स्थल अध्यात्म और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है, वहीं रात में इसकी परछाइयाँ किसी अलौकिक अनुभव से कम नहीं लगतीं।तो क्या गुरु शिखर पर सचमुच कोई आत्मा भटकती है? या फिर यह केवल इंसानी दिमाग का खेल है जो डर और अंधविश्वास में उलझा हुआ है? इस सवाल का उत्तर आज भी खोजा जा रहा है — लेकिन तब तक, जब तक सच्चाई सामने न आए, गुरु शिखर की रातें एक डरावने रहस्य की चादर ओढ़े रहती हैं।

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