भानगढ़ किले की वो डरावनी जगहें जहां कदम रखते ही ठहर जाती है सांसें, लीक्ड फुटेज में देखे कहां-कहां होता है आत्माओं से आमना-सामना

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी भूतिया गतिविधियों के लिए कुख्यात है। अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में बसा यह ऐतिहासिक स्थल आज वीरान, सुनसान और रहस्यमयी दिखता है, लेकिन इसके पत्थरों में दबी कहानियाँ आज भी सिहरन पैदा कर देती हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस किले को देश का सबसे डरावना और प्रेतबाधित स्थल घोषित किया है और सूर्यास्त के बाद यहां रुकने की मनाही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किले के अंदर कुछ खास जगहें ऐसी हैं जो बेहद खौफनाक मानी जाती हैं? आइए जानते हैं उन स्थानों के बारे में जहाँ आत्माओं से आमना-सामना होने की आशंका सबसे अधिक मानी जाती है।
1. रणिवास (राजमहल का महिला कक्ष)
भानगढ़ किले का सबसे रहस्यमयी और डरावना हिस्सा माना जाता है रनिवास, जहां कभी राजपरिवार की महिलाएं रहती थीं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, किले की रानी रत्नावती को एक तांत्रिक ने वशीकरण के लिए श्रापित किया था। रानी की मृत्यु के बाद कहा जाता है कि उसकी आत्मा आज भी इसी स्थान पर भटकती है। लोगों ने यहां साड़ी में लिपटी महिला आकृतियों को रात के समय छायाओं की तरह घूमते देखा है।
2. सिंघासन चौक
यह वह स्थान है जहाँ राजा अपने दरबारियों के साथ बैठकर निर्णय लिया करते थे। आज यह पूरी तरह वीरान है, लेकिन लोगों का दावा है कि यहाँ रात के समय दरबार जैसी आवाजें सुनाई देती हैं—जैसे कोई आदेश दे रहा हो, किसी के ताली बजाने की आवाज़, और कभी-कभी युद्ध की आवाज़ें भी।
3. भूत बंगला (Haunted Haveli)
किले के पिछले हिस्से में एक जर्जर हवेली मौजूद है, जिसे स्थानीय लोग 'भूत बंगला' कहते हैं। यहां अक्सर लोगों ने सिर पर उल्टे पैर चलने वाली परछाइयाँ देखी हैं। इस स्थान को इतना भयावह माना जाता है कि स्थानीय लोग दिन में भी यहां जाने से बचते हैं।
4. गुफानुमा तहखाने
भानगढ़ के अंदर कई अंधेरे और संकरे तहखाने हैं, जिन्हें आज तक पूरी तरह से खोजा नहीं जा सका है। मान्यता है कि इन्हीं तहखानों में तांत्रिक तांत्रिक क्रियाएं करता था। यहां रात के समय अजीब सी गंध, चीखने की आवाजें और लो टोन में किसी के मंत्रों का जाप सुनाई देने की घटनाएं कई बार दर्ज की जा चुकी हैं।
5. मंदिर परिसर
किले के भीतर स्थित हनुमान, शिव और देवी मंदिर आज भी धार्मिक भावनाओं से जुड़े हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन मंदिरों में पूजा-पाठ बंद हो चुकी है। स्थानीय पंडितों का मानना है कि आत्माओं की उपस्थिति के कारण यहां धार्मिक क्रियाएं सफल नहीं होतीं।
6. भानगढ़ की सीमारेखा
किले की परिधि में एक रेखा है, जिसके पार जैसे ही सूर्य डूबता है, किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं होती। यह वह सीमारेखा है जहाँ से आत्मिक गतिविधियाँ शुरू हो जाती हैं। कई बार लोगों ने बताया है कि जैसे ही वे इस रेखा को पार करते हैं, एक अजीब भारीपन और सिरदर्द महसूस होता है।