भानगढ़ किले का अब तक का सबसे डरावना रहस्य, वायरल फुटेज में गांववालों की ज़ुबानी सुनिए वो घटना जो आज भी रूह कंपा देती है

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला हमेशा से रहस्य और डरावनी कहानियों का केंद्र रहा है। भले ही इसे भारत का सबसे भूतहा स्थान कहा जाता हो, लेकिन यहां से जुड़े कुछ किस्से ऐसे भी हैं जो स्थानीय लोगों के अनुभव पर आधारित हैं – और जो आज तक सार्वजनिक रूप से बहुत कम सामने आए हैं।इस लेख में हम एक ऐसे ही सबसे डरावने रहस्य का ज़िक्र कर रहे हैं, जिसे भानगढ़ किले के आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने साझा किया है। यह किस्सा न केवल इस किले की रहस्यमयता को और गहरा करता है, बल्कि उन अनदेखी परतों को भी उजागर करता है जिन्हें पर्यटक नहीं देख पाते।
किला जो रात होते ही डर में बदल जाता है
भानगढ़ किला दिन में जितना आकर्षक लगता है, रात होते-होते उतना ही भयावह हो जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सूर्यास्त के बाद इस किले में प्रवेश करना वर्जित है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों?आसपास के गांवों – गोला का बास, अजबगढ़ और पानोरी – में रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार, हर अमावस्या की रात को यहां कुछ अजीब घटता है, और कई बार लोगों ने किले के अंदर से रहस्यमयी रौशनी, स्त्री की चीखें और लोहे की जंजीरों जैसी आवाजें आती सुनी हैं।
चश्मदीद का बयान: "वो साया आज भी मेरी छत पर बैठा है"
गोला का बास गांव के रहने वाले रामकिशन गुर्जर बताते हैं, “करीब 10 साल पहले की बात है। मैं और मेरे दो दोस्त रात करीब 9 बजे किले के पास वाले कुएं के पास गए थे। अचानक हवा की रफ्तार बढ़ गई और हमने सुना कि कोई महिला ज़ोर-ज़ोर से हंस रही है। हमने पलटकर देखा तो सफेद साड़ी में एक धुंधली आकृति कुएं के किनारे बैठी थी। जब हम डरकर भागे, तो महसूस हुआ कि वो हमारे पीछे-पीछे आ रही है।
गाँववालों की चेतावनी: “शाम के बाद उस रास्ते मत जाना”
स्थानीय लोगों की एक दिलचस्प मान्यता है कि किले की दीवारों में काला तंत्र बसा हुआ है। कई पीढ़ियों से लोग मानते आए हैं कि भानगढ़ किला श्रापित है, और यहां रात में कोई प्रवेश करे तो उसका मनोबल टूट जाता है या वो बीमार पड़ जाता है।बुजुर्ग महिला शकुंतला देवी बताती हैं – “एक बार एक युवक ने चैलेंज किया कि वो किले में रात गुजारेगा। सुबह जब लोग उसे खोजने गए, तो उसकी हालत बेहाल थी – वो चिल्ला रहा था कि ‘किसी ने उसका गला दबाया।’ कुछ ही दिनों में उसकी मानसिक हालत खराब हो गई और उसे घर से बांधकर रखना पड़ा।”
तांत्रिक की आत्मा या प्रेमिका की पुकार?
भानगढ़ से जुड़ी सबसे मशहूर कथा है – रानी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की। कहा जाता है कि तांत्रिक ने रानी को वश में करने के लिए जादू किया, लेकिन रानी ने उसे उल्टा मार गिराया। मरते समय उसने किले और पूरे नगर को श्राप दे दिया।आसपास के लोगों का मानना है कि उस तांत्रिक की आत्मा आज भी भानगढ़ के खंडहरों में भटकती है। कई पर्यटकों ने उस स्थान पर अजीब सिहरन और अचानक मोबाइल का बंद हो जाना महसूस किया है जहाँ रानी का महल माना जाता है।
वैज्ञानिक भी मानते हैं ऊर्जा का असामान्य प्रभाव
कुछ भूत-प्रेत मानने वाले वैज्ञानिकों और पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स ने यहां आकर टेस्ट किए हैं। उनके मुताबिक, किले के अंदर चुंबकीय और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स बहुत ज्यादा असामान्य हैं, जो मानसिक भ्रम, डर और सिरदर्द का कारण बन सकते हैं।लेकिन स्थानीय लोग इससे ज्यादा आत्मिक प्रभाव पर यकीन करते हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग जब किले के पास से गुजरते हैं तो उनके साथ अजीब दुर्घटनाएं होने लगती हैं – जैसे वाहन बंद हो जाना, रास्ता भटक जाना या रात में बुरे सपने आना।
इसलिए रात में किला है बंद
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के बोर्ड पर साफ लिखा है कि “सूर्यास्त के बाद भानगढ़ किला पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है।” यह आदेश सुरक्षा के लिहाज से है, लेकिन जिन लोगों ने वहां रहस्यमयी घटनाएं देखी हैं, वे मानते हैं कि यह किले की आत्माओं की शांति के लिए भी जरूरी है।
भले ही विज्ञान इन घटनाओं को ऊर्जा और दिमाग के भ्रम से जोड़ता हो, लेकिन भानगढ़ के रहस्य आज भी उतने ही ताज़ा और डरावने हैं जितने सदियों पहले थे।यह किला सिर्फ एक विरासत नहीं, बल्कि डर और जिज्ञासा का केंद्र है। जो लोग यहां आते हैं, वे अपनी सांसें रोककर चलते हैं – क्या पता कब किस दीवार के पीछे कोई अनदेखी परछाई देख जाए।अगर आप कभी भानगढ़ जाएं, तो सूरज ढलने से पहले ही लौट आइए… क्योंकि यहां की रातें कहानियों से नहीं, चीखों से भरी होती हैं।