हम सभी ने कभी न कभी “मोक्ष” शब्द ज़रूर सुना है — चाहे वह घर के बुजुर्गों की बातचीत में हो, धार्मिक प्रवचनों में या फिर सोशल मीडिया के किसी वीडियो में। पर क्या आपने कभी गहराई से सोचा है कि यह मोक्ष आखिर होता क्या है? क्यों लोग इसकी प्राप्ति के लिए जीवन भर तप, साधना और त्याग करते हैं?
इन्हीं सवालों के जवाब छिपे हैं गाज़ियाबाद के कविनगर में स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में, जहां मोक्ष खिड़की नामक एक विशेष स्थल लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
मोक्ष क्या है?
हिंदू और जैन धर्म जैसे भारतीय दर्शन में मोक्ष का अर्थ होता है — आत्मा का संसार के बंधनों से मुक्त हो जाना। यह जन्म और मृत्यु के चक्र से निकलने की अवस्था है, जहां आत्मा शुद्ध, शाश्वत और शांत अवस्था में प्रवेश करती है। इसे परम लक्ष्य माना गया है — जहाँ न दुःख है, न सुख की लालसा; बस आत्मा की पूर्ण स्वतंत्रता।
मोक्ष की ओर मार्ग
जैन धर्म में मोक्ष प्राप्त करने के लिए चार प्रमुख साधन बताए गए हैं — सम्यक दर्शन (सही दृष्टिकोण), सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान), सम्यक चारित्र (सही आचरण) और तप। यह मार्ग आसान नहीं है — इसमें त्याग, संयम और गहन आत्मचिंतन की आवश्यकता होती है।
गाज़ियाबाद की ‘मोक्ष खिड़की’
कविनगर के पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में स्थित यह 'मोक्ष खिड़की' एक प्रतीकात्मक संरचना है। मंदिर में प्रवेश करते ही आपको एक छोटा सा खिड़कीनुमा द्वार दिखाई देगा, जिसके ऊपर ‘मोक्ष द्वार’ लिखा होता है। इस खिड़की को झाँकते हुए श्रद्धालु मोक्ष का चिंतन करते हैं।
यह खिड़की केवल वास्तुशिल्प का हिस्सा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संदेश देती है — मोक्ष का मार्ग संकरा है, लेकिन साफ है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि आत्मा को संसारिक बंधनों से गुजरते हुए अंततः उस परम सत्य तक पहुँचना होता है।
श्रद्धालुओं में आस्था का केंद्र
यह ‘मोक्ष खिड़की’ न केवल जैन श्रद्धालुओं के लिए बल्कि आम दर्शकों के लिए भी एक प्रेरणा का स्त्रोत बन गई है। लोग यहां आकर आत्मनिरीक्षण करते हैं, प्रार्थना करते हैं और अपने भीतर की यात्रा की शुरुआत करते हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को खींच लाता है यह स्थल
इस मंदिर में केवल धार्मिक प्रवचन या पूजा ही नहीं होती, बल्कि यहाँ नियमित रूप से ध्यान शिविर, आत्मचिंतन सत्र और नैतिक शिक्षा के कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने के लिए यह मंदिर एक उत्कृष्ट स्थान बन चुका है।
क्यों लोग मोक्ष की तलाश में रहते हैं?
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई किसी न किसी रूप में दुख, तनाव और अधूरी इच्छाओं से घिरा होता है। मोक्ष की तलाश वास्तव में भीतर की शांति पाने की चाह है। यह एक ऐसी अवस्था है जहाँ इंसान खुद को, अपने कर्मों को और इस ब्रह्मांड की प्रकृति को समझ पाता है।

