डाकिया हो गया परेशान जब कहीं नहीं मिले हनुमान और भोलेनाथ, जानिए क्या है पूरा माजरा

भगवान के नाम पत्र भेजने की कहानियां आपने फिल्मों या किताबों में जरूर सुनी होंगी, लेकिन गोरखपुर में ये अजीब घटना सच बनकर सामने आई। शनिवार को एक डाकिया को फास्ट ट्रैक कोर्ट से स्पीड पोस्ट के जरिए दो परवाने मिले, जिनके नाम थे — हनुमान जी और भोलेनाथ (शंकर भगवान)। जैसे ही डाकिया ने पत्रों पर नाम देखे, वह खुद भी हैरान रह गया।
ड्यूटी निभाने के जज्बे से निकला डाकिया
हालांकि, डाकिया ने इसे अपनी ड्यूटी समझकर पूरी ईमानदारी से डिलीवर करने का फैसला किया। वह गांव-गांव जाकर घर-घर पूछता रहा कि क्या यहां भोलेनाथ या हनुमान जी रहते हैं? लेकिन स्वाभाविक था कि किसी को भी इसका जवाब नहीं मिला।
ग्रामीणों ने सुझाया उपाय
कई घंटे की तलाश के बाद जब डाकिया विजय गांव पहुंचा, तो वहां के ग्रामीणों सुरेंद्र और आरडी मिश्रा ने उसे सलाह दी कि वह गांव के मंदिर में जाकर पुजारी से बात करे। शायद वहां कोई समाधान मिल जाए।
डाकिया तुरंत गांव के हनुमान मंदिर पहुंचा और पुजारी कमला प्रसाद को पत्र सौंपने की कोशिश की। मगर पुजारी ने परवाना लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह पत्र भगवान के नाम से है और वे इसे नहीं ले सकते।
आखिर में थक हार कर लौटा डाकिया
घंटों की मशक्कत और समझाने-बुझाने के बाद भी जब पुजारी ने पत्र स्वीकार नहीं किया, तो डाकिया थक हार कर वापस लौट गया। इस अनोखे वाकये ने गांव में भी चर्चा का माहौल बना दिया और सभी लोग इस घटना पर आश्चर्य जताते रहे।
निष्कर्ष
गोरखपुर की इस घटना ने दिखा दिया कि डाकिया चाहे जितनी अजीब परिस्थिति में हो, अपनी जिम्मेदारी निभाने की पूरी कोशिश करता है। और कभी-कभी वास्तविक जीवन की घटनाएं भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं होतीं।