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भगवान शिव का चमत्कारी मंदिर, जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, जानिए क्या है इसका रहस्य

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हमारे देश में हजारों मंदिर मौजूद हैं, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे होते हैं जो अपनी रहस्यमयीता और अनोखे चमत्कार के कारण लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हो जाते हैं। गुजरात के वडोदरा के पास स्थित स्तंभेश्वर मंदिर भी ऐसे ही रहस्यमयी मंदिरों में से एक है, जिसे 'गायब मंदिर' के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां की अनोखी खासियत है कि यह दिन में दो बार पूरी तरह समुद्र की लहरों में डूब जाता है और फिर जलस्तर घटने पर फिर से दिखाई देने लगता है।

स्तंभेश्वर मंदिर का इतिहास और पौराणिक महत्व

स्तंभेश्वर मंदिर जम्बूसार तहसील के कवि कंबोई गांव में स्थित है, जो वडोदरा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। लगभग 150 साल पुराना यह मंदिर आसपास के सबसे पवित्र और लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है। सालभर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, खासकर सावन के पवित्र महीने में हजारों श्रद्धालु महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं।

मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय ने ताड़कासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो शिव का भक्त था और अपनी भक्ति से शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करता था। ताड़कासुर को वरदान मिला था कि शिव के छह दिन के पुत्र के अलावा कोई उसे मार न सके। लेकिन जब उसने अत्याचार शुरू किया, तब भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से भगवान कार्तिकेय की उत्पत्ति की। कार्तिकेय ने ताड़कासुर का वध किया और उस स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया जहाँ यह घटना हुई थी, यही स्थान आज स्तंभेश्वर मंदिर के रूप में जाना जाता है।

मंदिर के गायब होने का प्राकृतिक रहस्य

स्तंभेश्वर मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है। इसके कारण दिन में दो बार समुद्र का जलस्तर इतना बढ़ जाता है कि पूरा मंदिर जलमग्न हो जाता है और देखने में ऐसा लगता है जैसे मंदिर पूरी तरह गायब हो गया हो। जब जलस्तर घटता है, तब यह मंदिर फिर से समुद्र से बाहर आकर दिखाई देने लगता है। यही कारण है कि इसे 'गायब मंदिर' कहा जाता है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

श्रद्धालुओं की आस्था और धार्मिक महत्व

यह मंदिर न केवल अपनी प्राकृतिक अनोखी स्थिति के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी अत्यंत प्राचीन है। यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए विख्यात है। यहां आने वाले भक्त भगवान शिव से अपने जीवन की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

स्तंभेश्वर मंदिर की यह कहानी हमारे देश की सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत की एक अनमोल धरोहर है, जो प्राकृतिक चमत्कार और धार्मिक आस्था का सुंदर संगम प्रस्तुत करती है। अगर आप कभी गुजरात आएं तो इस रहस्यमयी 'गायब मंदिर' की अद्भुत यात्रा जरूर करें।

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