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ये हैं दुनिया का सबसे अनोखा और चमत्कारी भगवान गणेश का मंदिर, समुद्र में फेंकने के बाद फिर प्रकट हो जाती थी मूर्ति

हमारे देश में हजारों मंदिर हैं और इनमें से कई मंदिर चमत्कारी माने जाते हैं। कई मंदिरों का रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा.......
हमारे देश में कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में हर कोई नहीं जानता। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक झील से जुड़ा है। इस झील में क

हमारे देश में हजारों मंदिर हैं और इनमें से कई मंदिर चमत्कारी माने जाते हैं। कई मंदिरों का रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। देश में भगवान गणेश का चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर भी है। भगवान गणेश का एक ऐसा ही चमत्कारी मंदिर 356 साल पुराना है। भगवान गणेश का यह मंदिर पुडुचेरी में है। इसके चमत्कारों की कहानियां मशहूर हैं.

पुडुचेरी में फ्रांसीसी शासन के दौरान मंदिर पर कई हमले हुए। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति चमत्कारी है। इस मूर्ति को कई बार समुद्र में फेंका गया, लेकिन यह चमत्कार ही था कि हर बार मूर्ति अपने मूल स्थान पर ही प्रकट हो जाती थी। भगवान गणेश के इस मंदिर का मुख समुद्र की ओर है, इसी कारण से इसे भुवनेश्वर गणपति के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि पहले गणेश जी की मूर्ति के चारों ओर बहुत सारी रेत थी, जिसके कारण इस मंदिर को मनाकुला विनयगर कहा जाने लगा। इस मंदिर का निर्माण 1666 में हुआ था। उस समय पुडुचेरी फ्रांसीसी शासन के अधीन था।

भगवान गणेश का यह मंदिर लगभग 8,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में बना है। इस मंदिर की दीवारों पर भगवान गणेश के जीवन से जुड़े दृश्य चित्रित हैं। भगवान गणेश के जन्म से लेकर उनके विवाह तक की कई कहानियाँ चित्रों के माध्यम से दिखाई गई हैं। यहां आप शास्त्रों में वर्णित भगवान गणेश के 16 स्वरूपों के दर्शन कर सकते हैं।

प्रथम पूज्य के इस मंदिर में मुख्य गणेश प्रतिमा के अलावा 58 अन्य गणेश प्रतिमाएं भी हैं। इस मंदिर में भगवान गणेश का 10 फीट ऊंचा भव्य रथ भी है। कहा जाता है कि इस रथ के निर्माण में करीब साढ़े सात किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है. भगवान गणेश के इस मंदिर में गणेश चतुर्थी के दिन भक्तों की भारी भीड़ भगवान गणेश के दर्शन के लिए आती है।


 

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