Samachar Nama
×

खेत के नीचे मिली मूर्ति और बन गया राजस्थान का सबसे बड़ा शनि मंदिर, जानें क्या है मदिर की मान्यता

dsaafd

राजस्थान की पावन धरती पर एक अद्भुत और चमत्कारी घटना ने न केवल ग्रामीणों को चौंका दिया बल्कि आस्था के केंद्र को जन्म दे दिया। यह घटना राज्य के एक छोटे से गांव में घटी, जहां एक जाट किसान के खेत से शनिदेव की प्राचीन मूर्ति निकली और आज उसी स्थान पर राजस्थान का सबसे बड़ा शनि मंदिर बनकर भक्तों का प्रमुख तीर्थ स्थल बन गया है।

खेत में हल चलते समय मिली थी मूर्ति

यह कहानी शुरू होती है कुछ साल पहले, जब गांव के जाट किसान रामेश्वर सिंह अपने खेत में खेती कर रहे थे। हल चलाते समय अचानक जमीन में किसी कठोर वस्तु से टकराव हुआ। पहले उन्होंने इसे कोई पत्थर समझा, लेकिन जब उन्होंने खुदाई की, तो वहां से काले रंग की एक अद्भुत मूर्ति निकली। जब गांव के बुजुर्गों और पंडितों को बुलाया गया, तो उन्होंने बताया कि यह कोई साधारण मूर्ति नहीं, बल्कि स्वयं शनिदेव की प्राचीन मूर्ति है।

मूर्ति के साथ हुए चमत्कार

मूर्ति निकलते ही गांव में कई चमत्कारिक घटनाएं घटने लगीं। जिन किसानों की फसलें खराब हो रही थीं, उनके खेतों में हरी-भरी फसलें लहराने लगीं। कई बीमार लोग, जो लंबे समय से इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पा रहे थे, मूर्ति के दर्शन मात्र से स्वास्थ्य लाभ महसूस करने लगे। लोगों का विश्वास और श्रद्धा शनिदेव की मूर्ति पर दिनों-दिन बढ़ने लगा।

ग्रामीणों की पहल पर बना विशाल मंदिर

गांववासियों ने मिलकर तय किया कि इस चमत्कारी मूर्ति को खेत में ही स्थापित किया जाएगा और यहीं एक भव्य शनि मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। रामेश्वर सिंह ने अपनी पूरी जमीन मंदिर निर्माण के लिए दान कर दी। राजस्थान के कोने-कोने से दान और सहयोग जुटा। कई महीनों की मेहनत और करोड़ों रुपये की लागत से एक विशालकाय मंदिर का निर्माण हुआ, जो अब "राजस्थान का सबसे बड़ा शनि मंदिर" कहलाता है।

दूर-दूर से आने लगे श्रद्धालु

आज यह मंदिर न केवल राजस्थान, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है। हर शनिवार को यहां विशाल भंडारा होता है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु शनिदेव के दर्शन करने आते हैं। विशेष अवसरों पर तो मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है।

रोजगार और विकास का केंद्र बना मंदिर

इस मंदिर के बनने से न सिर्फ आस्था को बल मिला, बल्कि गांव की किस्मत भी बदल गई। यहां दुकानें खुल गईं, होटलों का निर्माण हुआ और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने लगा। सड़कें और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी सुधरीं। मंदिर ने गांव को एक धार्मिक और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया।

निष्कर्ष

एक साधारण खेत से निकली शनिदेव की मूर्ति ने न सिर्फ गांव की तस्वीर बदल दी, बल्कि राजस्थान को एक नया धार्मिक स्थल भी दे दिया। यह चमत्कारी मूर्ति और मंदिर आज करोड़ों भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक है और यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि आस्था और विश्वास कभी भी जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।

Share this story

Tags