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लड़की को लगी चोट तो करवाया X-Ray, रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने पूछा-तुम जिंदा कैसे हो?

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कई बार हमारी जिंदगी में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं, जो न केवल हमारे जीवन को पूरी तरह बदल देती हैं, बल्कि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को भी सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में लंदन से सामने आई है, जिसने मेडिकल साइंस को चौंका कर रख दिया। ये कहानी है 25 साल की बेक्का रीड (Becca Reed) की, जो एक आम सी युवती थी, लेकिन एक हादसे ने उसे असाधारण इंसान बना दिया।

एक आम दिन ने लिया खतरनाक मोड़

16 मई 2022 को बेक्का अपने दोस्तों के साथ वॉलीबॉल खेल रही थीं। खेलते-खेलते अचानक वॉलीबॉल पूल में जा गिरी। बेक्का जैसे ही बॉल लाने के लिए पूल में उतरीं, उनका सिर पूल के कंक्रीट बेस से जोर से टकरा गया। ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसके बाद बेक्का की जिंदगी पहले जैसी नहीं रही।

"मुझे लगा ये बस व्हिपलैश है..."

बेक्का ने मीडिया से बातचीत में बताया, “मुझे पहले लगा कि ये मामूली सी 'व्हिपलैश' (झटका) है। दर्द था लेकिन मैंने उसे नजरअंदाज किया और जैसे-तैसे वापस लंदन लौट आई।” उन्होंने एक्स-रे करवाया, तो डॉक्टर खुद हैरान रह गए। डॉक्टर ने उनसे सीधे पूछा, “तुम जिंदा कैसे हो?” क्योंकि हड्डियों की स्थिति बहुत गंभीर थी।

डॉक्टरों ने शुरुआत में कुछ दवाइयां दीं, लेकिन दवाओं का असर ऐसा था कि बेक्का बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थीं। उनके शरीर में असहनीय दर्द था, लेकिन बाहर से कोई बड़ी चोट नहीं दिख रही थी। जब उन्होंने डॉक्टरों से इसका कारण पूछा, तो जवाब मिला — “तुम्हारी मजबूत पीठ और कंधों की मांसपेशियों ने तुम्हारी रीढ़ की हड्डी को टूटने से बचा लिया। वरना सिर पूरी तरह से चकनाचूर हो सकता था।”

एक्सरसाइज ने बचाई जान

बेक्का पेशेवर वेट लिफ्टर नहीं थीं, लेकिन फिटनेस को लेकर वो काफी सजग थीं। नियमित रूप से जिम जाती थीं और कंधे तथा पीठ की ताकतवर मांसपेशियों ने उनके जीवन की रक्षा की। डॉक्टरों का कहना था कि अगर कोई दूसरा व्यक्ति होता, जिसकी मांसपेशियां इतनी मजबूत न होतीं, तो वह शायद न बोल पाता और न ही चल पाता।

दर्द कम नहीं हुआ, मिली बड़ी सच्चाई

कुछ हफ्तों तक बेक्का ने दर्द को झेलने की कोशिश की, लेकिन जब हालात नहीं सुधरे, तो उन्होंने NHS 111 पर कॉल किया। वहां से उन्हें नॉर्थ मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट (A&E) में भेजा गया। वहां जांच के बाद खुलासा हुआ कि उनकी रीढ़ की C5 और C6 हड्डियां टूट चुकी हैं। ये जानकर सब हैरान रह गए कि इतने खतरनाक फ्रैक्चर के बावजूद बेक्का कैसे अब तक खुद से चल-फिर पा रही थीं।

दो बड़ी सर्जरी और एक नई शुरुआत

इसके बाद बेक्का को रॉयल लंदन हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां दो बड़ी सर्जरी की गईं। डॉक्टरों ने उनकी गर्दन में रॉड्स और स्क्रू डाले ताकि हड्डियां स्थिर रह सकें। सर्जरी काफी जटिल थी लेकिन सफल रही। डॉक्टरों का कहना था कि बेक्का की फिटनेस और मजबूत मांसपेशियों ने उनकी जान बचा ली।

सर्जन ने यह भी कहा कि बेक्का जैसी मांसपेशियां आम लोगों में नहीं होतीं। यह उनकी वेट लिफ्टिंग की आदत और नियमित कसरत का ही परिणाम था। खुद बेक्का ने भी कहा, “जैसे ही मैं थोड़ी बहुत चलने-फिरने लगी, मैंने दोबारा जिम जाना शुरू कर दिया। वही जिम, जिसने मेरी जान बचाई थी।”

अब पूरी तरह से ठीक हैं बेक्का

आज बेक्का एकदम सामान्य जीवन जी रही हैं। वो फिर से जिम जाती हैं, घूमती-फिरती हैं और अपने इस अनुभव को दूसरों के साथ साझा करती हैं ताकि लोग फिटनेस की अहमियत को समझ सकें। उनका मानना है कि नियमित कसरत न केवल शरीर को सुंदर बनाती है, बल्कि किसी अनहोनी के समय आपके जीवन की रक्षा भी कर सकती है।

सीख क्या मिलती है?

बेक्का की यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में अनिश्चितताएं कभी भी आ सकती हैं। लेकिन यदि हम खुद को फिट रखते हैं, तो कई बार शरीर खुद हमें ऐसे हालात से बाहर निकाल सकता है जहां दवाएं और इलाज भी सीमित हो जाते हैं। ये एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि फिटनेस सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होती, बल्कि जीवन की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है।

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