राजस्थान की वो खौफनाक जगह जहां रात में इन्सान तो क्या जानवर भी नहीं भटकते, वीडियो में खून से लिखी कहानी देख कांप जाएगा रोम-रोम

राजस्थान अपने किलों और हवेलियों और अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक राजस्थान के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को देखने आते हैं। हालांकि, राजस्थान जितना खूबसूरत है, उतना ही रहस्यमयी भी है।
दरअसल, राजस्थान में एक ऐसी जगह है, जिसे काफी भूतिया माना जाता है। ऐसे में अगर आप दिल के मजबूत हैं और भूतिया जगहों पर जाना पसंद करते हैं, तो आपको राजस्थान के जयपुर जिले से करीब 80 किलोमीटर दूर अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किले में जरूर जाना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि आप यहां सिर्फ दिन में ही जा सकते हैं, रात में यहां जाना प्रतिबंधित है।
दरअसल, भूतों का गढ़ माने जाने वाले भानगढ़ किले की कहानी भी काफी दिलचस्प है। इस कहानी में दो किरदार हैं, एक खूबसूरत राजकुमारी और दूसरा एक तांत्रिक जो काला जादू करने में माहिर है। दरअसल, कहा जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती की खूबसूरती के चर्चे पूरे राज्य में थे। हर कोई उनकी मनमोहक अदाओं का दीवाना था। एक बार राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ बाजार में घूमने निकली थीं। इस दौरान वह एक इत्र की दुकान पर रुकी और खरीदारी करने लगी। दुकान के पास ही काला जादू करने वाला एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा भी मौजूद था। तांत्रिक राजकुमारी की खूबसूरती पर मोहित हो गया था। वह किसी भी कीमत पर राजकुमारी को पाना चाहता था।
हालांकि, राजकुमारी ने एक बार भी तांत्रिक की तरफ नहीं देखा। इसके बाद तांत्रिक ने राजकुमारी को पाने के लिए एक खौफनाक योजना बनाई। उसने एक इत्र की बोतल पर वशीकरण मंत्र का प्रयोग किया। दरअसल, यह इत्र की बोतल राजकुमारी को भेजी जानी थी। हालांकि, जब राजकुमारी को तांत्रिक की इस हरकत के बारे में पता चला तो उसने बोतल फेंक दी। एक पत्थर से टकराने के बाद इत्र की बोतल टूट गई।
वशीकरण मंत्र के प्रभाव से अब पत्थर तांत्रिक के पीछे-पीछे चल पड़ा और उसे कुचलकर मार डाला। मरने से पहले प्रेम में पागल तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और उनकी आत्माएं इस किले में भटकती रहेंगी। तब से ऐसा माना जाता है कि भानगढ़ किला भूतों का अड्डा बन गया है।
खुदाई के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इस बात के सबूत मिले हैं कि यह शहर एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल था। अब किला भारत सरकार की निगरानी में आता है। किले के चारों तरफ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम मौजूद रहती है। एएसआई ने सूर्यास्त के बाद यहां किसी के भी रुकने पर प्रतिबंध लगा दिया है।