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हॉलीवुड की भूतिया कहानियों को भी मात देती है भानगढ़ किले की सदियों पुरानी खौफनाक कहानी, वीडियो में देख मुंह में आ जाएगा कलेजा 

हॉलीवुड की भूतिया कहानियों को भी मात देती है भानगढ़ किले की सदियों पुरानी खौफनाक कहानी, वीडियो में देख मुंह में आ जाएगा कलेजा 

राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पहाड़ियों में बसा एक वीरान और रहस्यमयी किला — भानगढ़ का किला, जिसे भारत का सबसे डरावना स्थान कहा जाता है। यह किला सिर्फ एक पर्यटक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा रहस्य है जो सदियों से लोगों को चौंकाता आया है। इसकी कहानी इतनी खौफनाक है कि हॉलीवुड की मशहूर हॉरर फिल्मों — The Conjuring, Insidious या Annabelle — की कल्पनाओं को भी मात देती है।


इतिहास की परतों में छुपा डर
भानगढ़ किले का निर्माण 17वीं सदी में आमेर के राजा भगवंत दास ने करवाया था और इसे उनके पुत्र माधो सिंह के लिए बसाया गया था। स्थापत्य दृष्टि से यह किला शानदार है — इसके चारों ओर ऊंची दीवारें, मंदिर, हवेलियाँ, बाजार और राजमहल हैं। लेकिन इन खंडहरों के पीछे छुपी है एक ऐसी त्रासदी जो इस पूरे क्षेत्र को शापित बना देती है।

तांत्रिक का श्राप: प्रेम, अस्वीकार और विनाश
भानगढ़ की सबसे चर्चित और डरावनी कहानी एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की है। कहा जाता है कि यह तांत्रिक स्थानीय राजकुमारी रत्नावती से प्रेम करता था। रत्नावती बहुत सुंदर थी और दूर-दूर तक उसकी सुंदरता की चर्चा थी। तांत्रिक ने उसे वश में करने के लिए काले जादू का प्रयोग किया — उसने इत्र की शीशी में जादू भर दिया, जिसे रत्नावती के पास पहुंचाया गया।

लेकिन राजकुमारी तांत्रिक की चाल समझ गई और उसने वह शीशी एक पत्थर पर फेंक दी। कहा जाता है कि उस जादुई क्रिया के चलते पत्थर हवा में उड़कर तांत्रिक पर गिरा और उसकी मृत्यु हो गई। मरते-मरते उसने पूरे भानगढ़ को श्राप दे दिया कि यह राज्य पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा और कोई भी इसकी छत के नीचे जीवित नहीं रह पाएगा।कुछ ही समय बाद युद्ध, अकाल और अजीब घटनाओं ने इस राज्य को तहस-नहस कर दिया। तब से यह किला वीरान पड़ा है — इसके बाद कभी यहां कोई बसाहट नहीं हो पाई।

रात का प्रतिबंध: ASI की चेतावनी
भानगढ़ का किला भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन है और यहां स्पष्ट चेतावनी लगी है कि सूर्यास्त के बाद कोई भी व्यक्ति किले में प्रवेश नहीं करे। यह देश का इकलौता ऐतिहासिक स्थल है जहां ऐसी सख्त पाबंदी है। स्थानीय लोगों का दावा है कि रात को यहां अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं — कोई चीखता है, रोता है, या अचानक कदमों की आहट आती है।कई बार लोगों ने किले में घुसने की कोशिश की और वापस लौटे ही नहीं। कुछ ने मानसिक संतुलन खो दिया तो कुछ की रहस्यमयी मौतें हुईं। यहां तक कि कुछ पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स ने भी भानगढ़ में डरावनी ऊर्जा महसूस करने की पुष्टि की है।

हॉलीवुड की कहानियों से आगे
अगर आप The Exorcism of Emily Rose या The Ring जैसी हॉलीवुड फिल्मों के दृश्यों को डरावना मानते हैं, तो भानगढ़ की असलियत आपको रोंगटे खड़े कर देगी। हॉलीवुड की ये फिल्में कल्पनाओं पर आधारित होती हैं, लेकिन भानगढ़ की कहानी सैकड़ों सालों से लोगों के अनुभवों, लोककथाओं और सरकारी चेतावनियों के रूप में जीवित है।यहां कोई स्पेशल इफेक्ट्स या बैकग्राउंड म्यूजिक नहीं, बल्कि खुला आकाश, टूटे महल और एक अदृश्य डर आपको घेर लेता है।

आज का भानगढ़: पर्यटन और डर का मेल
दिन के समय भानगढ़ एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। पर्यटक यहां इतिहास और रहस्य की तलाश में आते हैं, लेकिन जैसे ही शाम ढलती है, पूरा इलाका सुनसान हो जाता है। गांव के लोग भी सूर्यास्त के बाद आसपास नहीं रहते। कुछ टूर गाइड्स हैं जो दिन में भूतिया किस्से सुनाते हैं, लेकिन रात में वे भी इस स्थान से दूर ही रहते हैं।कुछ यूट्यूब चैनल्स और डॉक्युमेंट्रीज ने यहां के नाइट विज़न कैमरा फुटेज में रहस्यमयी गतिविधियाँ रिकॉर्ड करने का दावा किया है — जैसे झूमते हुए पेड़, साया जैसी आकृतियाँ और एक अनजाना भय।

विज्ञान और विश्वास की जंग
वैज्ञानिक इस पूरी कहानी को मात्र मनोवैज्ञानिक प्रभाव और अंधविश्वास मानते हैं। उनका कहना है कि वीरानी, मौन और पुरातन खंडहर अपने आप में एक मानसिक भय पैदा करते हैं। लेकिन स्थानीय जनजीवन, सदियों पुरानी कहानियाँ और सरकारी प्रतिबंध इस डर को और मजबूत करते हैं।

निष्कर्ष: डर सिर्फ फिल्मी नहीं होता
भानगढ़ किला सिर्फ एक पुरानी इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसा जीवंत डर है जिसे महसूस किया जा सकता है। इसकी कहानी हमें याद दिलाती है कि हर डर कल्पना नहीं होता — कुछ डर, भानगढ़ की तरह, इतिहास की चुप परतों में भी सांस लेते हैं।क्या आपने कभी भानगढ़ की यात्रा की है? या क्या आप वहां जाने की हिम्मत रखते हैं?

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