Samachar Nama
×

ASI भी डर गया! क्यों लगाना पड़ा भानगढ़ किले में रात को प्रवेश पर प्रतिबंध, 2 मिनट के लीक्ड फुटेज में जानिए सबसे खौफनाक सच्चाई

ASI भी डर गया! क्यों लगाना पड़ा भानगढ़ किले में रात को प्रवेश पर प्रतिबंध, 2 मिनट के लीक्ड फुटेज में जानिए सबसे खौफनाक सच्चाई

राजस्थान के अलवर जिले की अरावली की पहाड़ियों में स्थित भानगढ़ का किला भारत का सबसे डरावना और रहस्यमयी किला माना जाता है। करीब 450 साल पुराना यह किला न सिर्फ अपने स्थापत्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके साथ जुड़ी डरावनी कहानियां और भूतिया घटनाएं इसे देश ही नहीं, दुनिया के सबसे खौफनाक स्थानों में शुमार करती हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने भी यहां सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले आने पर प्रतिबंध लगा रखा है, जो इस जगह की भयानकता को और भी गहरा कर देता है।

इतिहास की परतों में छिपा डर

भानगढ़ का किला सोलहवीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास ने बनवाया था, और इसे उनके बेटे माधो सिंह ने बसाया। इस किले के चारों ओर सुंदर मंदिर, बाजार और महल थे। लेकिन समय के साथ यह संपन्न नगर वीरान हो गया। सवाल उठता है – आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक फलता-फूलता नगर खंडहर में तब्दील हो गया?इस सवाल का जवाब मिलता है लोक कथाओं और किंवदंतियों में, जिनमें से सबसे मशहूर कहानी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की है।

रत्नावती और तांत्रिक की रहस्यमयी कहानी

कहते हैं कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती अद्वितीय सौंदर्य की धनी थीं। उनका रूप इतना मोहक था कि दूर-दूर के राजा उनके विवाह प्रस्ताव भेजते थे। इसी बीच, भानगढ़ में रहने वाला एक काले जादू का ज्ञाता तांत्रिक सिंधु सेवड़ा भी रत्नावती पर मोहित हो गया। उसने राजकुमारी को पाने के लिए एक जादुई तेल में मोहिनी विद्या का प्रयोग किया ताकि वह रत्नावती को वश में कर सके।

लेकिन रत्नावती को तांत्रिक की चालाकी का आभास हो गया और उसने तेल को ज़मीन पर फेंक दिया, जिससे वह तेल एक विशाल पत्थर पर गिरा। कहते हैं, वह पत्थर हवा में उड़ते हुए तांत्रिक की ओर गया और उसे कुचल कर मार डाला। मरने से पहले तांत्रिक ने भानगढ़ और उसकी राजकुमारी को शाप दे दिया कि यह पूरा नगर जल्द ही नष्ट हो जाएगा और कोई भी यहां शांति से नहीं रह पाएगा।कुछ समय बाद, भानगढ़ पर एक पड़ोसी राज्य ने आक्रमण कर दिया और युद्ध में नगर पूरी तरह बर्बाद हो गया। रत्नावती भी उसी युद्ध में मारी गईं या लापता हो गईं, और तभी से यह नगर शापित माना जाने लगा।

डरावनी घटनाएं और लोगों के अनुभव

आज भी भानगढ़ किले में जाने वाले कई पर्यटक अजीब-अजीब घटनाओं का जिक्र करते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने वहां औरतों की चीखें, बच्चों के रोने की आवाजें और रहस्यमयी परछाइयों को महसूस किया है। कुछ ने दावा किया कि उनके कैमरे या मोबाइल अचानक बंद हो गए या उनकी तस्वीरों में धुंधली आकृतियां नजर आईं।स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार लोगों ने रात में किले में रुकने की कोशिश की, लेकिन वे या तो वापस नहीं लौटे या मानसिक रूप से विचलित हो गए। कुछ ने रात के समय अनजानी शक्तियों के धक्के, ठंडी हवाओं के झोंके और सिर पर बोझ जैसा महसूस किया।

ASI का प्रतिबंध और वैज्ञानिक पहलू

भारतीय पुरातत्व विभाग ने स्पष्ट चेतावनी लगाई है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किले में प्रवेश न करें। यह नियम केवल भानगढ़ के लिए ही लागू है, जो अपने आप में इस जगह की गंभीरता को दर्शाता है।वैज्ञानिकों और पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की टीमों ने भी यहां जांच की है। कई जगहों पर अलौकिक ऊर्जा, EMF (Electromagnetic Field) की असामान्य गतिविधियां और वातावरण में असंतुलन दर्ज किया गया है। हालांकि कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थान पर कोई पैरानॉर्मल शक्ति जरूर सक्रिय है।

पर्यटन और रोमांच का केंद्र

डर और रहस्य के बावजूद भानगढ़ किला आज भी पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक स्थल बना हुआ है। यहां हर साल हजारों सैलानी आते हैं, खासकर वे जो रोमांच, इतिहास और अलौकिक घटनाओं में रुचि रखते हैं। फिल्म निर्माताओं और डॉक्यूमेंट्री मेकर्स के लिए भी यह एक पसंदीदा लोकेशन है।

Share this story

Tags