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600 साल पुरानी मस्जिद को 2 किलोमीटर दूर किया गया स्थापित, जानिए कैसे हुआ ये कारनामा

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विज्ञान और तकनीकी ने मानवता को नए आयाम दिए हैं, और कभी-कभी यह चमत्कारी रूप में सामने आता है। तुर्की में हाल ही में एक ऐतिहासिक घटना घटी, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया। यहां 15वीं शताब्दी की एक मस्जिद को अपनी जगह से हटाकर लगभग 2 किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थान पर स्थापित किया गया। यह घटना न केवल तकनीकी उपलब्धि का उदाहरण है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और धरोहर की रक्षा करने की प्रेरणा भी देती है।

ऐतिहासिक एय्यूबी मस्जिद का स्थानांतरण

तुर्की के हसनकेफ शहर में स्थित ऐय्यूबी मस्जिद को अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण अनोखे तरीके से दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया। इस मस्जिद को स्थानांतरित करने की वजह इलिसु डैम का निर्माण है। इलिसु डैम तुर्की का चौथा सबसे बड़ा डैम है, और इसका निर्माण हसनकेफ शहर में किया जा रहा है। डैम के पूरा होने के बाद, यह ऐतिहासिक शहर डैम के पानी में डूब जाएगा। हसनकेफ शहर में स्थित इस 600 साल पुरानी मस्जिद को पानी में डूबने से बचाने के लिए इसे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया।

तकनीकी चुनौती और समाधान

इस परियोजना में शामिल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने एक अद्भुत कार्य किया। मस्जिद का वजन लगभग 4,600 टन था, और इसे स्थानांतरित करने के लिए इसे तीन हिस्सों में बांटा गया। फिर इन हिस्सों को विशेष मशीनों और रोबोट की सहायता से 300 पहियों वाले एक विशाल प्लेटफॉर्म पर रखा गया। इस प्लेटफॉर्म को सड़कों पर सावधानीपूर्वक मार्गदर्शन किया गया और मस्जिद को नए स्थान तक पहुँचाया गया। इस प्रक्रिया को बेहद सटीकता और कुशलता से अंजाम दिया गया, ताकि मस्जिद की संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे।

मस्जिद के पुनर्निर्माण का काम

इस परियोजना की शुरुआत पिछले साल हुई थी, और अब तक मस्जिद के दो बड़े हिस्से नए स्थान पर भेजे जा चुके हैं। तीसरे हिस्से को भी इस साल भेजने की योजना है। मस्जिद को अब हसनकेफ के नए कल्चरल पार्क में स्थापित किया जा रहा है, ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके। यह कार्य इंटर्नैशनल इंजीनियरिंग और संरक्षण के उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें संस्कृति, विज्ञान और तकनीकी का अद्वितीय मेल है।

हसनकेफ का सांस्कृतिक महत्व

हसनकेफ शहर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध है, और इसे 1981 में संरक्षित शहर घोषित किया गया था। इस शहर में कई प्राचीन इमारतें और स्थल हैं, जो सदियों पुरानी सभ्यता की गवाही देते हैं। इन इमारतों और सांस्कृतिक धरोहरों को भी हसनकेफ कल्चरल पार्क में पुनर्निर्मित किया जा रहा है। यह परियोजना 2017 से शुरू हुई थी, और अब तक कई महत्वपूर्ण संरचनाओं को इस नए पार्क में स्थानांतरित किया जा चुका है।

इलिसु डैम और इसके प्रभाव

इलिसु डैम का निर्माण तुर्की सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बिजली उत्पादन और जलाशय क्षमता को बढ़ाना है। हालांकि, इस डैम के निर्माण से हसनकेफ शहर सहित आसपास के कई अन्य ऐतिहासिक स्थल पानी में डूब जाएंगे। लेकिन, इन स्थलों की रक्षा के लिए तुर्की सरकार ने वैज्ञानिकों और संरक्षकों के साथ मिलकर इन धरोहरों को सुरक्षित करने की योजना बनाई है, और इस परियोजना में एय्यूबी मस्जिद का स्थानांतरण एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष

तुर्की में 600 साल पुरानी एय्यूबी मस्जिद का स्थानांतरण न केवल विज्ञान और तकनीकी की एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह परियोजना यह साबित करती है कि अगर हमारे पास सही ज्ञान और तकनीक हो, तो हम किसी भी मुश्किल को हल कर सकते हैं और हमारी धरोहर को बचा सकते हैं। हसनकेफ शहर के पुनर्निर्माण और संरक्षण का यह उदाहरण भविष्य में अन्य देशों और शहरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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