देश का ऐसा अनोखा मंदिर जहां होती है माता सती के दांत की पूजा, वीडियो में देखें मां का चमत्कार

भारत में मौजूद 52 शक्तिपीठों में से एक, मां दंतेश्वरी मंदिर अपनी दिव्यता और ऐतिहासिक महत्ता के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा जिले में स्थित है और इसे शक्तिपूजा का प्रमुख केंद्र माना जाता है। देवी दंतेश्वरी को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है और यहां का मंदिर बस्तर अंचल की सांस्कृतिक पहचान है।
इतिहास और पौराणिक महत्व
माना जाता है कि यह मंदिर वह स्थान है जहां दक्ष यज्ञ के समय माता सती का दंत (दांत) गिरा था। इसी कारण इस स्थान का नाम दंतेवाड़ा पड़ा। यह मंदिर 600 साल से अधिक पुराना है और इसे बस्तर के राजाओं द्वारा बनवाया गया था। मां दंतेश्वरी बस्तर राजवंश की कुलदेवी भी मानी जाती हैं और हर शुभ कार्य की शुरुआत देवी के आशीर्वाद से ही होती थी।
यह शक्तिपीठ भारतीय संस्कृति में आस्था, शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। कहते हैं कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है। बस्तर दशहरा का मुख्य आयोजन भी यहीं से प्रारंभ होता है।
मंदिर की वास्तुकला
मां दंतेश्वरी मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी, देवी-देवताओं की मूर्तियां और भित्ति चित्र इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। मंदिर के गर्भगृह में मां दंतेश्वरी की चार भुजाओं वाली प्रतिमा स्थापित है। यहां देवी को चांदी और सोने के आभूषण पहनाए जाते हैं। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को एक अलौकिक ऊर्जा का अनुभव होता है।
बस्तर दशहरा और विशेष उत्सव
मां दंतेश्वरी मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन बस्तर दशहरा के समय इस मंदिर में भव्य आयोजन होता है। यह उत्सव लगभग 75 दिनों तक चलता है और इसे एशिया का सबसे लंबा चलने वाला त्योहार कहा जाता है। दशहरा के समय देवी की विशेष पूजा होती है और पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल होता है।
नवरात्रि, दीपावली और छेर छेरा जैसे पर्वों पर भी मंदिर में विशेष अनुष्ठान होते हैं। इन अवसरों पर मंदिर को दीपों और पुष्पों से सजाया जाता है और हजारों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।
कैसे पहुंचे मां दंतेश्वरी मंदिर?
मां दंतेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में स्थित है, जो जगदलपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है। निकटतम हवाई अड्डा रायपुर है, जो लगभग 400 किलोमीटर दूर है। सड़क और रेलमार्ग से दंतेवाड़ा आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर परिसर में भक्तों के लिए धर्मशाला और भोजन की सुविधा भी उपलब्ध है।
भक्तों की श्रद्धा और अनुभव
मां दंतेश्वरी मंदिर में भक्त अपने दुख-दर्द को देवी चरणों में अर्पित करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि मां की कृपा से उनके जीवन में चमत्कारी बदलाव आए हैं। यहां की ऊर्जा और शांति हर भक्त को एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है।