देश का ऐसा अनोखा मंदिर, जहां मन्नत पूरी होने पर यहां देवी को चढ़ाई जाती हैं चप्पल, सैंडिल और चश्मा

पहले हमने आपको भगवान शंकर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताया था जहां मन्नत पूरी होने पर झाड़ू चढ़ाई जाती है, लेकिन आज हम आपको उस पवित्र स्थान के बारे में बता रहे हैं जहां मन्नत पूरी होने पर देवी को चप्पलें, सैंडल चढ़ाए जाते हैं। जी हां, अनोखी मान्यताओं वाला यह मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है...
पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में चप्पल-जूते चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। सैंडल के अलावा कई लोग मंदिर में चश्मा, टोपी और घड़ियां भी चढ़ाते हैं। यह सिद्ध दात्री मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और देश भर से लोग यहां आते हैं। कोलार में एक छोटी सी पहाड़ी पर बने इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
पुरानी मान्यता के अनुसार इसे जीजीबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मान्यता यहां बहुत पुरानी बताई जाती है। बताया जाता है कि करीब 18 साल पहले यहां अशोकनगर से आये ओमप्रकाश महाराज ने मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना के साथ-साथ शिव-पार्वती का विवाह भी कराया था और कन्यादान भी खुद ही किया था. तब से वह न केवल मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं बल्कि उनकी बेटी की तरह देखभाल भी करते हैं। यहां दो-तीन दिन बाद मां के कपड़े भी बदले जाते हैं। सिंगापुर, दुबई, फ़िनलैंड जैसे विदेशों में बसे भक्त कभी-कभी मन्नत के तौर पर पेरिस से विदेशी चप्पलें माँ दुर्गा को भेजते हैं और कुछ भक्त स्वयं माता के मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आते हैं।