Samachar Nama
×

भगवान शिव का चमत्कार! दुनिया का ऐसा इकलौता शिवलिंग जिसको छूते ही नीला हो जाता है दूध, आज तक कोई नहीं जान पाया रहस्य

हमारे देश में भगवान शिव के लाखों मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिर चमत्कारी हैं। यहां लोगों को अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं........
DDDDD

अजब गजब न्यूज डेस्क !!! हमारे देश में भगवान शिव के लाखों मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिर चमत्कारी हैं। यहां लोगों को अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

इस शिव मंदिर में एक अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है

Why water is offered to Shivling and what is the right way of doing it | -  Times of India

इस मंदिर के चमत्कार की चर्चा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होती है। यह मंदिर तमिलनाडु के कीजापेरुमपल्लम गांव में स्थित है। इसका नाम नागनाथस्वामी मंदिर है, जिसे केटी स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर त है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भक्त मंदिर में शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं तो उसका रंग तुरंत नीला हो जाता है।

कोई नहीं समझ पाया राज

हैरानी की बात तो यह है कि इसके रहस्य के बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है। लोगों को समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों होता है. हालाँकि ये चमत्कार हमेशा देखने को नहीं मिलता. ऐसा माना जाता है कि केतु ग्रह के दोष से पीड़ित व्यक्ति जो दूध चढ़ाता है उसका रंग नीला ही होता है। बाद में यह रंग फिर से सफेद हो जाता है।

Diseases are caused by milk in the rain, so because of being like poison,  do anointing of Shiva with it | सावन में शिवलिंग पर क्यों चढ़ाते हैं दूध:  बारिश में दूध

वैज्ञानिक भी हैरान हैं

हैरानी की बात तो यह है कि वैज्ञानिक भी यह नहीं जान पाए हैं कि दूध का रंग नीला क्यों हो जाता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह वापस सफेद कैसे हो जाता है। इस मंदिर में दूध चढ़ाने के बाद उसका रंग बदलने को लोग चमत्कार बताते हैं। मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

मंदिर से जुड़ी एक कहानी

मंदिर से एक मान्यता भी जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार केतु ने महान ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा की। इसके बाद केतु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शिवरात्रि के दिन केतु को श्राप से मुक्त किया। तभी से केतु को समर्पित यह मंदिर भगवान शिव का भी माना जाता है।
 

Share this story

Tags