व्यक्ति को डॉक्टरों ने बता दिया था मृत लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान अचानक चलने लगी सांसे, जानें क्या है पूरा मामला ?

एक तरफ भारत सरकार विकास की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी सिस्टम की लापरवाही की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। ऐसी सरकारी व्यवस्था की लापरवाही के कारण डॉक्टरों ने एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया।जी हां, यह मामला सतना जिले के नागौद का है, जहां एक व्यक्ति को करंट लग गया और उसके परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जब व्यक्ति को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तो उसकी सांसें अभी भी चल रही थीं। जिसके बाद व्यक्ति का पीएम रोककर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी होते ही परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस मामले को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने व्यक्ति को बिना देखे ही मृत घोषित कर दिया, जबकि वह जीवित था। इस दौरान बढ़ते विरोध को देखते हुए नागौद पुलिस मौके पर पहुंची और धीरे-धीरे भीड़ को नियंत्रित किया। हालांकि, बिजली से झुलसे व्यक्ति को सतना रेफर कर दिया गया है।आपको बता दें कि बच्चू कुशवाह उर्फ महेंद्र कुशवाह नागौद के चंद्रकुइयां गांव का रहने वाला है। जिसकी उम्र (45) वर्ष बताई जा रही है, जो अपने गांव में सब्जी का व्यवसाय करता है। दरअसल, बच्चू कुशवाह ने शनिवार को अखंड रामायण का पाठ कराया और अगले दिन भंडारे का आयोजन भी किया। उसी समय गांव के कुछ लोग मंदिर में झंडा चढ़ाने जा रहे थे, तभी महेंद्र कुशवाह को करंट लग गया। जिसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में महेंद्र कुशवाहा को नागौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जैसे ही यह सूचना पुलिस को दी गई तो उन्होंने व्यक्ति को शव समझकर पोस्टमार्टम के लिए ले गए। जहां डॉक्टरों द्वारा पीएम शुरू किया गया, जिसके बाद व्यक्ति के शरीर में हरकत होने लगी। यह देखकर डॉक्टर हैरान रह गए और तत्काल उसे सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं इस मामले की जानकारी पुलिस और परिजनों को दी गई। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
महेंद्र उर्फ बच्चू कुशवाह के परिवार वाले उसे जीवित देखकर खुश हुए। वहीं, इस मामले को लेकर परिजनों ने गुस्सा जाहिर किया और अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद गुस्साए परिजनों के साथ ग्रामीणों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का गुस्सा देख डॉक्टरों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया, वहीं सूचना पाकर नागौद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाकर स्थिति को शांत किया। फिलहाल व्यक्ति का इलाज सतना के जिला अस्पताल में चल रहा है।