मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने फिर किया चौंका देने वाला खुलासा, बैंगनी रंग के पत्थरों के बारे में सामने आई ये बात

ब्रह्मांड लाखों रहस्यों से भरा है। इन रहस्यों का पता लगाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक सदियों से शोध में लगे हुए हैं, लेकिन ब्रह्मा के ये रहस्य अभी तक उजागर नहीं हो पाए हैं। वैज्ञानिक अधिकतर इस बात की खोज में लगे हुए हैं कि क्या पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर मनुष्य जैसे प्राणी रहते हैं? या फिर किसी अन्य ग्रह पर जीवन संभव है या नहीं? जिस ग्रह पर जीवन की संभावना सबसे अधिक है वह लाल ग्रह यानी मंगल है। दुनिया भर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर भी सबसे ज्यादा शोध कर रहे हैं।
इस बीच, वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर एक बैंगनी पत्थर की खोज की है, जो लाल रंग का दिखाई देता है। दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर बैंगनी रंग का एक पत्थर खोजा है। इन पत्थरों पर एक बैंगनी परत होती है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि ये छोटे-बड़े बैंगनी पत्थर जेजेरो क्रेटर में हर जगह मौजूद हैं।
हालाँकि, नासा के वैज्ञानिक अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि रहस्यमयी बैंगनी पत्थर कैसे बने। या फिर इन पत्थरों का रंग बैंगनी कैसे हुआ? भू-रसायनशास्त्री एन ओलीला का कहना है कि पर्सिवियरेंस रोवर से मिले डेटा से इन रहस्यमयी रंगीन पत्थरों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने यह जानकारी अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन (एजीयू) में नेशनल जियोग्राफिक को दी है।
गौरतलब है कि मंगल ग्रह पर बैंगनी पत्थर मिलने से पहले हरे पत्थर भी पाए गए थे। दरअसल, वर्ष 2016 में क्यूरियोसिटी रोवर ने माउंट शार्प के पास हरे पत्थरों की खोज की थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगल ग्रह पर विभिन्न रंगों के पत्थर खोजे हैं, जिनमें कुछ भिन्नता है। एन ओलीला के अनुसार, पर्ड्यू विश्वविद्यालय के ब्रैडली गार्सिंकी की टीम इन बैंगनी रंग के पत्थरों पर शोध कर रही है।
आपको बता दें कि मंगल ग्रह पर बैंगनी पत्थरों की तस्वीरें पर्सीवरेंस रोवर के मास्टकैम-जेड कैमरा और आई कैम द्वारा ली गई थीं। अब ब्रैडली गार्सिंकी की टीम इन तस्वीरों के जरिए रहस्यमयी पत्थरों की जांच करेगी। ब्रैडली का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसे पत्थर नहीं देखे हैं और न ही पर्सिवियरेंस रोवर ने ऐसे पत्थरों की जांच की है। हम उन्हें देखकर आश्चर्यचकित हैं। वहीं, भू-रसायनज्ञ एन ओलीला की टीम पत्थरों की ऊपरी परत को पिघलाकर पत्थर और बैंगनी परत की जांच करेगी।
टीम पर्सिवेरेंस सुपरकैम के माध्यम से लेजर शॉट लगाकर पत्थरों को पिघलाएगी। हालांकि, शुरुआती जांच के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि पत्थरों पर मौजूद बैंगनी परतें मुलायम और रासायनिक रूप से अलग हैं। पत्थर की भीतरी परत अलग प्रकार की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह परत हाइड्रोजन और मैग्नीशियम के मिश्रण से बनी होगी, लेकिन यह सब जांच के बाद ही पता चल सकेगा।