
मोसुल बांध का जलस्तर भी काफी कम हो गया है। जलस्तर में कमी के कारण इस नदी के बीच में बने टापू से पुरातत्वविदों को करीब साढ़े तीन हजार साल पुराने मितानी साम्राज्य की जड़ें पता चली हैं। सीरिया और मेसोपोटामिया क्षेत्र पर इस साम्राज्य का प्रभुत्व रहा है।
जिस बांध की हम चर्चा कर रहे हैं वह इराक में टिगरिस नदी पर बनाया गया है। मोसुल बांध इराक का सबसे बड़ा बांध है, इस बांध को सद्दाम बांध भी कहा जाता है। इस समय यह नदी भयंकर सूखे की चपेट में आ गई है। जर्मन और कुर्द पुरातत्वविदों की एक टीम ने 3,400 वर्ष पुराने एक महल की खोज की, जहां जल स्तर कम हो गया था। इस महल के बारे में जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय ने दावा किया है कि इसका संबंध किसी न किसी तरह रहस्यमयी मितानी साम्राज्य से है।
मितानी साम्राज्य सबसे कम शोधित और रहस्यमय सभ्यताओं में से एक है। अभी तक इस सोसायटी की राजधानी का पता नहीं चल पाया है। इससे ही वैज्ञानिकों को प्राचीन मितानी साम्राज्य की व्यवस्था को समझने में मदद मिल सकती है। दुहाक पुरावशेष निदेशालय के कुर्द पुरातत्वविद् हसन अहमद कासिम ने इस खोज को बहुत महत्वपूर्ण खोज बताया।