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रिटायर्ड टीचर ने लगाई ट्रम्प की 'इंग्लिश' क्लास, व्हाइट हाउस का लेटर बना वजह

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अमेरिका की एक महिला ने व्हाइट हाउस की ओर से मिले एक पत्र में कई खामियां निकालीं और फिर उस पत्र को सुधार कर वापस व्हाइट हाउस भेज दिया। यह घटना अपनी तरह में अनोखी और दिलचस्प है, क्योंकि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए पत्र में अंग्रेजी व्याकरण की गलतियां होना बहुत ही आश्चर्यजनक बात है।

यह मामला यवोन मेसन नाम की एक महिला का है, जो अमेरिका के अटलांटा में रहती हैं। यवोन ने 17 साल तक दक्षिण कैरोलिना के एक हाई स्कूल में अंग्रेजी की टीचर के रूप में काम किया है और अब वह रिटायर हो चुकी हैं। यवोन को व्हाइट हाउस की ओर से एक पत्र मिला था, जिसे पढ़ने पर उन्हें इसमें कई व्याकरण संबंधी गलतियां नजर आईं। उन्होंने उन गलतियों को ठीक किया और पत्र को वापस व्हाइट हाउस भेज दिया।

यह पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर वाला था। यवोन ने बताया कि इस पत्र में ‘राष्ट्रपति’ (President) और ‘राज्य’ (State) जैसे शब्दों के सही इस्तेमाल में गलतियां थीं। हालांकि ये गलतियां मामूली थीं, जैसे कि बड़े अक्षर (कैपिटल लेटर) और छोटे अक्षर (स्मॉल लेटर) का गलत इस्तेमाल। मगर फिर भी, एक सरकारी पत्र में इस तरह की गलतियां होना सही नहीं माना जाता।

यवोन ने एक स्थानीय न्यूज चैनल, ग्रीनविले न्यूज को बताया कि यदि यह पत्र किसी मिडिल स्कूल के छात्र द्वारा लिखा गया होता, तो उन्हें इसे ‘सी’ या ‘सी प्लस’ ग्रेड देती। वहीं अगर यह पत्र हाई स्कूल स्तर का होता, तो वह इसे ‘डी’ ग्रेड देती। यवोन का कहना था कि सरकार के किसी उच्च पदाधिकारी की ओर से पत्र प्राप्त होने पर उम्मीद होती है कि उसमें व्याकरण और भाषा दोनों का अच्छा इस्तेमाल होगा। ऐसे पत्र में किसी भी प्रकार की गलती से निराशा होती है।

हालांकि, यवोन ने यह भी माना कि यह पत्र व्हाइट हाउस के किसी कर्मचारी द्वारा लिखा गया था, न कि सीधे राष्ट्रपति द्वारा। फिर भी, यह बात कुछ भी कम अहम नहीं बनती कि एक सरकारी पत्र में इस तरह की गलतियां छूट गईं।

यवोन मेसन ने इस पत्र के अलावा व्हाइट हाउस को एक और पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फरवरी महीने में अमेरिका के स्कूलों में हुई गोलीबारी की घटनाओं और बंदूक हिंसा को रोकने के उपायों पर चर्चा की गुजारिश की थी। यवोन का यह पत्र एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर केंद्रित था, जिसे राष्ट्रपति तक पहुंचाना उनकी कोशिश थी।

इस घटना का सामाजिक और शैक्षणिक महत्व

यह घटना केवल व्याकरण संबंधी गलती का मामला नहीं है, बल्कि इससे कई बड़े सवाल भी उठते हैं। जब अमेरिका जैसे विकसित देश के व्हाइट हाउस की ओर से जारी पत्र में ऐसी गलतियां हो सकती हैं, तो आम नागरिकों और छात्रों के लिए भाषा की गुणवत्ता और शिक्षा के स्तर को लेकर सवाल उठना स्वाभाविक है। यवोन जैसी अनुभवी शिक्षिका का इस पत्र को सुधार कर वापस भेजना इस बात की तरफ इशारा करता है कि उच्च पदों पर बैठे लोग भी कभी-कभी छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो शिक्षा के प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल खड़े करती हैं।

व्याकरण की गलतियां और उनका प्रभाव

किसी भी सरकारी पत्र या दस्तावेज़ की भाषा उसकी गंभीरता और आधिकारिकता को दर्शाती है। अगर व्याकरण संबंधी त्रुटियां हों, तो यह पत्र की विश्वसनीयता और प्रभाव को कम कर सकती हैं। खासकर जब यह पत्र राष्ट्र के सर्वोच्च पदाधिकारी की ओर से हो। भाषा की गलतियां न केवल संदेश को प्रभावित करती हैं, बल्कि उस संस्था की छवि पर भी असर डालती हैं।

यवोन मेसन का कदम: एक सीख

यवोन मेसन का यह कदम बताता है कि सही शिक्षा और भाषा ज्ञान के लिए सतर्क रहना कितना जरूरी है। उनका यह व्यवहार यह संदेश देता है कि भाषा की गलतियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी स्तर का पत्र हो। साथ ही, यह दर्शाता है कि जिम्मेदार नागरिकों को ऐसी गलतियों पर ध्यान देना चाहिए और सुधार के लिए पहल करनी चाहिए।

निष्कर्ष

अमेरिका के व्हाइट हाउस से प्राप्त पत्र में व्याकरण की गलतियां सामने आना एक गंभीर विषय है। यह घटना न केवल शिक्षा के स्तर को दर्शाती है, बल्कि सरकारी दस्तावेजों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाती है। यवोन मेसन जैसी शिक्षिका का इस पर ध्यान देना और सुधार कर पत्र वापस भेजना एक सकारात्मक उदाहरण है, जो हमें यह सीख देता है कि भाषा और व्याकरण की सही जानकारी और उसका इस्तेमाल हर जगह होना चाहिए, खासकर सरकारी और आधिकारिक दस्तावेजों में।

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को भी हमेशा सावधानी और जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए, क्योंकि उनकी भाषा और दस्तावेजों की गुणवत्ता पूरे देश की छवि पर असर डालती है। इस प्रकार, यह मामला सिर्फ एक व्याकरण की गलती का नहीं बल्कि जिम्मेदार और सजग नागरिकता का भी उदाहरण है।

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