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इस फाउंटेन में हर रोज लाखों रुपये डाल जाते हैं लोग, हैरान करने वाली है वजह

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आपने भारत में कई बार देखा होगा कि लोग मंदिरों, झीलों या नदियों में अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सिक्के या सोने-चांदी के आभूषण डालते हैं। यह आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा ही नज़ारा आपको विदेशों में भी देखने को मिल सकता है? खासकर इटली के रोम शहर में स्थित एक जगह है जहाँ हर साल करोड़ों रुपए के सिक्के डाले जाते हैं – ट्रेवी फाउंटेन (Trevi Fountain) में।

यह सिर्फ एक फाउंटेन नहीं है, बल्कि रोम की संस्कृति, परंपरा और विश्वास का प्रतीक है, जहाँ पर्यटक न सिर्फ उसकी खूबसूरती को देखने आते हैं, बल्कि अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए उसमें सिक्का भी डालते हैं।

क्या है ट्रेवी फाउंटेन?

ट्रेवी फाउंटेन इटली के रोम शहर में स्थित एक भव्य और ऐतिहासिक फाउंटेन है। यह फाउंटेन 85 फीट ऊँचा और 161 फीट चौड़ा है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े और खूबसूरत बारोक फाउंटेन में से एक बनाता है। इस फाउंटेन को इटालियन आर्किटेक्ट निकोला साल्वी ने डिज़ाइन किया था और इसका निर्माण कार्य 1732 में शुरू हुआ था, जो 30 साल बाद 1762 में जाकर पूरा हुआ।

इसका निर्माण वास्तुकला और मूर्तिकला की अद्भुत मिसाल है। इसके केंद्र में एक विशाल मूर्ति है, जिसमें समुद्र के देवता ओशियन एक रथ में खड़े हैं, जिसे समुद्री घोड़े खींच रहे हैं। यह दृश्य रोम के गौरवशाली समुद्री इतिहास का प्रतीक माना जाता है।

क्यों डाले जाते हैं सिक्के?

इस फाउंटेन को लेकर एक प्राचीन मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति फाउंटेन की तरफ पीठ करके अपने दाएं हाथ से सिक्का अपने बाएं कंधे के ऊपर से फेंकता है, तो उसकी इच्छा पूरी होती है। खासतौर पर यह माना जाता है कि ऐसा करने से वह व्यक्ति फिर से रोम लौटेगा।

यह मान्यता इतनी प्रचलित है कि दुनिया भर से आने वाले लाखों पर्यटक यहां आकर ट्रेवी फाउंटेन में सिक्के डालते हैं, जिससे रोज़ाना करीब 3000 यूरो (लगभग 2.5 लाख रुपये) तक के सिक्के जमा हो जाते हैं। साल भर में यह आंकड़ा लगभग 9 करोड़ रुपये तक पहुँच जाता है।

इन पैसों का क्या होता है?

ट्रेवी फाउंटेन में डाले गए पैसों को रोज़ाना एक बार फाउंटेन को अस्थायी रूप से बंद करके निकाला जाता है। इन सिक्कों को स्थानीय चैरिटी संस्था 'कारितास' को सौंपा जाता है, जो गरीबों, बेघरों और जरूरतमंदों के भोजन, वस्त्र और पुनर्वास के लिए इन पैसों का इस्तेमाल करती है।

इस तरह, यह फाउंटेन न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम भी बन चुका है।

केवल सिक्के, नोट नहीं

फाउंटेन में केवल सिक्के ही डाले जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नोट पानी में खराब हो जाते हैं और उन्हें निकालना मुश्किल होता है। साथ ही फाउंटेन की सफाई और संरक्षण के लिए भी यह जरूरी है कि केवल धातु के सिक्कों का ही उपयोग हो।

ट्रेवी फाउंटेन का महत्व पर्यटन में

ट्रेवी फाउंटेन सिर्फ एक धार्मिक या पारंपरिक स्थल ही नहीं है, यह रोम का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है। हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं, इसकी तस्वीरें खींचते हैं और वीडियो बनाते हैं। कई हॉलीवुड और इटैलियन फिल्मों में भी इस फाउंटेन को दिखाया गया है, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई है।

फिल्मों में इस फाउंटेन का सबसे प्रसिद्ध दृश्य 1954 की क्लासिक फिल्म Three Coins in the Fountain में दिखाया गया था, जिसने इस परंपरा को वैश्विक पहचान दी।

निष्कर्ष: आस्था, कला और सेवा का संगम

ट्रेवी फाउंटेन एक अनोखी जगह है जहाँ कला, इतिहास, परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यहां आने वाले पर्यटक केवल इसकी खूबसूरती से ही मंत्रमुग्ध नहीं होते, बल्कि इसमें सिक्का डालकर अपनी इच्छाओं को एक नई उम्मीद भी देते हैं।

सबसे खास बात यह है कि उन सिक्कों का उपयोग समाज की भलाई में किया जाता है – यानी आपकी आस्था न सिर्फ आपकी मुरादें पूरी करती है, बल्कि किसी और की जिंदगी में रोशनी भी भरती है।

इस तरह ट्रेवी फाउंटेन एक विश्वास का प्रतीक है – जो हमें बताता है कि जब आस्था और सेवा एक साथ चलते हैं, तो हर जगह एक नई रोशनी जन्म लेती है।

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