इतने अमीर हैं इस देश के लोग कि लंदन से मंगाते हैं पिज्जा, डिलीवरी के लिए आती है फ्लाइट
आज के दौर में फास्ट फूड हमारे खान-पान का एक अहम हिस्सा बन चुका है। खासकर पिज्जा तो बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी की पसंद बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां के अमीर लोग अपने देश में मिलने वाला पिज्जा नहीं खाते, बल्कि वे इसे 6440 किलोमीटर दूर लंदन से मंगवाते हैं — वो भी हवाई जहाज से!
जी हां, ये चौंकाने वाला और अजीबोगरीब मामला है अफ्रीकी देश नाइजीरिया का, जहां के हाई-क्लास और रईस लोग पिज्जा जैसे साधारण दिखने वाले फास्ट फूड को भी शानदार दिखावे और स्टेटस सिंबल का जरिया बना चुके हैं।
लंदन से आती है पिज्जा की डिलीवरी!
इस बात का खुलासा किसी मीडिया रिपोर्ट ने नहीं, बल्कि नाइजीरिया के कृषि मंत्री ओदू ओगबेह (Aud Ogbeh) ने खुद किया है। उन्होंने यह बात नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में हुई सीनेट एग्रीकल्चर कमिटी की बैठक में कही।
ओदू ओगबेह ने बताया कि नाइजीरिया के कई अमीर लोग रात में पिज्जा का ऑर्डर लंदन से देते हैं, और अगली सुबह ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट से वह पिज्जा देश में डिलीवर होता है।
स्टेटस सिंबल के तौर पर पिज्जा
कृषि मंत्री ओगबेह का कहना है कि यह केवल खाना खाने के लिए नहीं, बल्कि “मैं कितना अमीर हूं” ये दिखाने का जरिया है। यानी लंदन से मंगाया गया पिज्जा अब नाइजीरिया में केवल स्वाद नहीं, बल्कि स्टेटस सिंबल बन गया है।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि "जब हम जैसा देश, जो खुद का खाना नहीं उगा पाता, वह भी हर चीज़ का आयात कर रहा है — वो भी केवल स्टेटस दिखाने के लिए — तो यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए घातक है, बल्कि हमारी मानसिकता को भी दर्शाता है।"
क्या कहते हैं आंकड़े?
नाइजीरिया एक ऐसा देश है जो बड़ी मात्रा में अपने दैनिक उपभोग की चीज़ें जैसे चावल, टमाटर, गेहूं और अन्य खाद्य उत्पाद विदेशों से आयात करता है। और अब मामला इस हद तक पहुंच गया है कि फास्ट फूड जैसे पिज्जा को भी लोग देश में मौजूद पिज्जा स्टोर्स से नहीं, बल्कि लंदन जैसे महंगे शहरों से मंगवा रहे हैं।
ऐसे में देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) पर भी दबाव बनता है और स्थानीय फूड इंडस्ट्री को नुकसान होता है।
कैसे होती है पिज्जा की एयर डिलीवरी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये लोग लंदन स्थित किसी पिज्जा चेन से ऑनलाइन पिज्जा का ऑर्डर देते हैं, जिसे सुरक्षित पैकेजिंग के जरिए ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान से नाइजीरिया भेजा जाता है। सुबह जैसे ही फ्लाइट अबुजा या लागोस एयरपोर्ट पर उतरती है, पिज्जा को संबंधित व्यक्ति तक पहुंचा दिया जाता है।
यह प्रक्रिया ना केवल महंगी है, बल्कि इससे कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) और पर्यावरणीय नुकसान भी होता है।
मंत्री की अपील – “अपनी चीज़ों का सम्मान करें”
कृषि मंत्री ओदू ओगबेह ने देश के लोगों से अपील की कि वे विदेशी चीजों की बजाय स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि जब देश के अमीर लोग खुद की ज़मीन पर उगाई गई चीज़ों को तवज्जो नहीं देंगे, तब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि का विकास संभव नहीं है।
सोशल मीडिया पर बवाल
जब ये खबर सामने आई तो सोशल मीडिया पर काफी हलचल मच गई। कुछ लोगों ने इसे “शाही ठाठ” का उदाहरण बताया, तो कुछ ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि "यह गरीबी से जूझ रहे देश में अमीरों की अमानवीय सोच को दर्शाता है।"
#PizzaPolitics और #LondonToLagos जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे।
सवाल जो खड़े होते हैं:
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क्या एक गरीब और विकासशील देश में इस तरह की विलासिता उचित है?
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जब देश में खुद पिज्जा ब्रांड्स और अच्छे रेस्टोरेंट मौजूद हैं, तो इतना खर्च क्यों?
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क्या इस दिखावे की प्रवृत्ति स्थानीय कारोबारियों के लिए चुनौती नहीं है?
निष्कर्ष: क्या यही विकास है?
लंदन से पिज्जा मंगाना तकनीक की प्रगति का उदाहरण हो सकता है, लेकिन यह आत्मनिर्भरता और आत्मगौरव की कमी का प्रतीक भी है। जब किसी देश के नागरिक, खासकर अमीर वर्ग, अपने ही देश की उत्पादों को महत्व नहीं देते, तब देश की आर्थिक और सांस्कृतिक नींव कमजोर पड़ने लगती है।
नाइजीरिया के इस ट्रेंड से भारत जैसे विकासशील देशों को भी सबक लेने की ज़रूरत है कि “विकास केवल विदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल से नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने से होता है।”