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सोने की खदानों वाले इस शहर के लोग हैं सबसे गरीब, वेश्यावृत्ति करने को मजबूर हैं महिलाएं

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दुनिया भर में जहां सोने की खदानें होती हैं, वहां के लोगों को अमूमन अमीर माना जाता है। लेकिन पेरू का एक ऐसा शहर भी है, जहां चारों ओर सोने की खदानें हैं, फिर भी यहां के लोग दुनिया के सबसे गरीब लोगों में गिने जाते हैं। यह शहर है ला रिनकोनाडा, जो न सिर्फ सोने की खानें होने के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि दुनिया के सबसे ऊंचाई पर बसे शहरों में से एक भी है। खतरनाक हालातों के बावजूद यहां लगभग 30,000 लोग कठिन जीवन जी रहे हैं।

ला रिनकोनाडा दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में स्थित है और समुद्र तल से करीब 5,100 मीटर (लगभग 16,732 फुट) की ऊंचाई पर बसा है। इस शहर का औसत तापमान साल भर मात्र 1.2 डिग्री सेल्सियस रहता है। दिन में भी कड़ाके की ठंड पड़ती है और रात में बर्फीली हवाएं लोगों की मुश्किलें और बढ़ा देती हैं। इसके बावजूद, हजारों लोग यहां रहकर अपनी किस्मत आजमाते हैं।

सोने की खदानें, फिर भी गरीबी

ला रिनकोनाडा में भारी संख्या में सोने की खदानें मौजूद हैं। लेकिन इसके बावजूद यह शहर गरीबी और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुका है। असल में, यहां ज्यादातर खदानें अवैध रूप से संचालित होती हैं। यहां के पुरुष खतरनाक हालातों में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के खदानों में काम करते हैं, जबकि महिलाएं खदानों से बचे-खुचे सोने के टुकड़े चुनने का काम करती हैं। कई महिलाएं जीवन यापन के लिए वेश्यावृत्ति जैसे कार्यों में भी लिप्त हैं, जो यहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की भयावह तस्वीर पेश करता है।

यहां मजदूरों को नियमित वेतन नहीं दिया जाता। खदान मालिक मजदूरों से 30 दिन तक मुफ्त में काम करवाते हैं। इसके बाद, 31वें दिन उन्हें खदान से खुद अपने हाथों से जितना सोना या पत्थर निकाल सकें, उसे अपने पास रखने की इजाजत दी जाती है। इसमें किस्मत का बहुत बड़ा रोल होता है—कभी किसी मजदूर को सोने का अच्छा टुकड़ा मिल जाता है तो कभी सिर्फ बेकार पत्थर।

कानून और प्रशासन का अभाव

ला रिनकोनाडा में न तो कोई मजबूत प्रशासन है और न ही कानून का कोई सख्त पालन होता है। यहां निकलने वाला सोना सीधा ब्लैक मार्केट में सस्ते दामों में बेचा जाता है। इसका नतीजा यह है कि यहां के लोग भले ही सोने के बीच रहते हों, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। शहर में कोई उचित इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है—न सड़कें हैं, न साफ-सफाई की व्यवस्था, न ही पानी निकासी का सिस्टम। गंदगी हर जगह फैली रहती है और लोग टिन की चादरों से बने अस्थायी घरों में रहने को मजबूर हैं।

विकास से कोसों दूर

सोने के अपार भंडार के बावजूद, ला रिनकोनाडा में विकास का कोई नामोनिशान नहीं है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, पीने के साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नदारद हैं। लोग बेहद कठिन और खतरनाक परिस्थितियों में जिंदगी गुजार रहे हैं। शहर में सड़क तक नहीं है, जिससे यहां आना-जाना भी बेहद जोखिम भरा है।

ला रिनकोनाडा इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि प्राकृतिक संसाधनों की भरमार के बावजूद, अगर उचित प्रबंधन और न्याय व्यवस्था न हो तो कैसे एक पूरा शहर गरीबी और बदहाली में डूब सकता है।

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