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आखिर क्यों इस आइलैंड पर लोग खाने में मिट्टी डालकर खाते हैं? वजह कर देगी हैरान

खाने के मामले में दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. लेकिन इन व्यंजनों.......
खाने के मामले में दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. लेकिन इन व्यंजनों को बनाने में मसालों का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. क्योंकि बिना मसालों के खाने में कोई स्वाद नहीं आता

खाने के मामले में दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. लेकिन इन व्यंजनों को बनाने में मसालों का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. क्योंकि बिना मसालों के खाने में कोई स्वाद नहीं आता. आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां के लोग खाने में मसालों की जगह मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यहां की मिट्टी बहुत स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसलिए लोग मिट्टी का उपयोग अपने भोजन में मसाले के रूप में करते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं ईरान के होर्मुज द्वीप की।

इस आइलैंड पर रहने वाले लोग अपने खाने में मसालों की जगह मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि खूबसूरत पहाड़ों की वजह से यह आइलैंड वहां के लोगों के लिए बेहद खास है। लेकिन इन पहाड़ों की सबसे खास बात यह है कि यहां की मिट्टी रंगीन है जिसके कारण इस द्वीप को रेनबो आइलैंड के नाम से भी जाना जाता है। ईरान के इस द्वीप के खूबसूरत रंग-बिरंगे पहाड़ों की तस्वीरें कई बार सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इन्हें देखकर आप जरूर हैरान रह जाएंगे और सोचेंगे कि मिट्टी इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। आपने शायद पहली बार सुना होगा कि ईरान के इन खूबसूरत पहाड़ों की मिट्टी को मसाले के तौर पर खाया जाता है.

इतना ही नहीं, यहां आने वाले पर्यटक इन पहाड़ों की मिट्टी का स्वाद लेना भी नहीं भूलते। हालाँकि पहले तो उसे मिट्टी खाने में झिझक होती है, लेकिन जब उसका गाइड उसे मिट्टी खाने की सलाह देता है, तो वह उसे बड़े चाव से खाता है और दंग रह जाता है। आपको बता दें कि यह खूबसूरत द्वीप फारस की खाड़ी में स्थित है और इसकी मिट्टी खनिजों से समृद्ध है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की मिट्टी में काफी मात्रा में लोहा और करीब 70 तरह के खनिज मौजूद हैं।

इतना ही नहीं यहां के पहाड़ों पर नमक के टीले भी हैं। इन पहाड़ों पर शेल, मिट्टी और लोहे की परतें जमी हुई हैं। जिससे पहाड़ रंगीन दिखते हैं। ब्रिटेन के भूवैज्ञानिक अनुसंधान के प्रमुख भूविज्ञानी डाॅ. कैथरीन गुडएनफ़ के अनुसार, लाखों वर्ष पहले फ़ारस की खाड़ी के पास उथले समुद्र में नमक की एक मोटी परत बन गई थी। तब से इसके ऊपर नई परतें जुड़ती गईं। जिससे इस द्वीप की मिट्टी खूबसूरत हो गई.
 

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