बिजलीवाले की छप्पड़फाड़ कमाई देखकर जले लोग, कहा- इतना तो इंजीनियर भी नहीं कमाता है

आजकल सोशल मीडिया पर कमाई को लेकर बहस होना एक आम बात है। यह बहस कभी किसी सेलिब्रिटी की सैलरी पर होती है, तो कभी किसी कामकाजी शख्स की आमदनी पर। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बहस शुरू हुई है, जो भारतीय समाज के आर्थिक ढांचे और रोज़गार की स्थिति को लेकर काफी विचारणीय बन गई है। यह बहस तब शुरू हुई जब एक शख्स ने रेडिट पर पोस्ट करते हुए बताया कि कैसे एक इलेक्ट्रिशियन अपने काम से एक पढ़े-लिखे इंसान से कहीं ज्यादा कमाता है।
क्या लिखा था पोस्ट में?
यह घटना उस समय की है जब एक यूजर ने अपने घर के कूलर को ठीक कराने के लिए एक इलेक्ट्रिशियन को बुलाया। यूजर ने अपनी पोस्ट में बताया कि उस इलेक्ट्रिशियन ने उन्हें एक घंटे में 1200 रुपये का भुगतान लिया। इसके अलावा, वह इलेक्ट्रिशियन दिन भर कॉल्स प्राप्त करता रहा, जो यह संकेत देता था कि उसकी कमाई दिनभर चल रही थी। यूजर ने अंदाजा लगाया कि अगर एक इलेक्ट्रिशियन महीनेभर काम करता है, तो वह एक लाख रुपये से ऊपर की कमाई कर सकता है।
पोस्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इलेक्ट्रिशियन का काम बहुत ही सिजनल होता है और यह किसी एक फिक्स्ड समय पर नहीं चलता। फिर भी, जिस तरह से वह हर दिन एक अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं, वह एक आश्चर्यजनक बात बन गई है। यह पोस्ट r/Btechtards नामक रेडिट पेज पर @Ok_Slip_529 नामक यूजर ने साझा की थी, और देखते ही देखते यह वायरल हो गई। खबर लिखे जाने तक पोस्ट पर 200 से अधिक अप्स और 40 से ज्यादा कमेंट्स आ चुके थे।
लोगों की प्रतिक्रिया
पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर इस पर बहस शुरू हो गई। कुछ लोगों ने इस पोस्ट को सही ठहराया, तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए। एक यूजर ने कमेंट किया कि "किसी की छप्पड़फाड़ कमाई देखकर जलना नहीं चाहिए", जबकि दूसरे ने लिखा, "इसमें काफी स्कोप है, मैं भी यही ज्वाइन करने वाला हूं"।
कुछ लोग यह भी कहते दिखे कि इलेक्ट्रिशियन की कमाई मौसमी (सिजनल) होती है और उन्हें अपने पूरे साल का खर्च इसी सीमित समय में पूरा करना होता है। वहीं, कुछ का मानना था कि इलेक्ट्रिशियन का काम बहुत ही कड़ा होता है, जिससे वह अपनी मेहनत के अनुसार अच्छा पैसा कमा रहे हैं।
क्या सच में इलेक्ट्रिशियन ज्यादा कमाते हैं?
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में इलेक्ट्रिशियन जैसा काम करने वाला एक पढ़े-लिखे व्यक्ति से ज्यादा कमा सकता है? इसका जवाब पूरी तरह से उस काम की प्रकृति पर निर्भर करता है। इलेक्ट्रिशियन का काम अगर ठीक से किया जाए, तो यह एक अच्छा खासा पैसा कमा सकता है, खासकर अगर वह एक स्व-निर्भर या फ्रीलांसर के रूप में काम कर रहा हो।
यह भी सच है कि इलेक्ट्रिशियन की कामकाजी घंटे अक्सर फ्लेक्सिबल होते हैं और उन्हें ज्यादा मेहनत करनी होती है, खासकर जब सर्दी या गर्मी के मौसम में लोग कूलर या एसी की मरम्मत करवाने के लिए कॉल करते हैं। इस प्रकार, उनका काम विशेष सिजनल हो सकता है, लेकिन यह इतना मेहनत और चुनौतियों भरा भी होता है कि उनके द्वारा कमा गया पैसा उनके काम की कीमत को दर्शाता है।
क्या हम पारंपरिक शिक्षा से ज्यादा ध्यान इन्हीं पेशों पर दें?
यह बहस एक बड़े सवाल की ओर इशारा करती है कि क्या हमें पारंपरिक शिक्षा के अलावा ऐसे हुनर आधारित पेशों पर भी ध्यान देना चाहिए? आजकल लोग केवल डिग्री हासिल करने के लिए कॉलेजों का रुख करते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे हुनरमंद पेशों में भी बहुत संभावनाएं हैं। जिनमें इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, बढ़ई, और अन्य तकनीकी पेशे शामिल हैं, ये काम न केवल समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं।
निष्कर्ष
यह बहस यह साबित करती है कि "कमाई का रास्ता" कभी भी तय नहीं किया जा सकता। किसी को अपनी कड़ी मेहनत से ज्यादा पैसे मिल सकते हैं, तो किसी को अपनी पढ़ाई के बाद भी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। हमें यह समझना होगा कि मेहनत के साथ-साथ समय, अवसर, और कौशल भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। और इसलिए, किसी के पेशे को कम करके आंकना गलत है, क्योंकि हर किसी का अपना रास्ता होता है और अपनी मेहनत से वह जो कमाता है, वही उसकी असली कमाई होती है।