
माता-पिता अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष करते हैं, मेहनत करते हैं और कभी-कभी कर्ज भी उठाते हैं। लेकिन हाल ही में चीन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक मां-बाप ने अपने भारी कर्ज को चुकाने के लिए अपनी जुड़वा संतान को बेच डाला।
बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये बेचा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दिल दहला देने वाली घटना चीन के शिफेंग शहर की है। आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से परेशान माता-पिता ने अपने जुड़वा बच्चों को अलग-अलग परिवारों को बेच दिया। हैरानी की बात यह है कि बच्चों की बिक्री के लिए इन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का सहारा लिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि बच्चों के माता-पिता काफी समय से बेरोजगार थे और उन पर भारी कर्ज चढ़ चुका था। उन्होंने ऑनलाइन ऋण लेने के बाद कर्ज चुकाने के लिए यह अमानवीय कदम उठाया।
6-6 लाख में बेचे गए थे मासूम
पुलिस के अनुसार, दोनों जुड़वा बच्चों — एक लड़का और एक लड़की — को लगभग 6-6 लाख रुपए में बेचा गया। बच्चों को हेबेई प्रांत में रहने वाले अलग-अलग परिवारों को सौंपा गया था, जो शिफेंग से करीब 800 किलोमीटर दूर स्थित हैं।
इस सौदे के बाद बच्चों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया था। लेकिन जब पुलिस को पिछले वर्ष दिसंबर में बच्चों की तस्करी की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, तो तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई।
पुलिस ने बच्चों को सकुशल बरामद किया
शिफेंग पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद 28 फरवरी को शिंगताई शहर से बच्ची को बरामद कर लिया। वहीं, 2 मार्च को लांगफांग शहर से बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया।
इसके बाद पुलिस ने बच्चों के पिता को 22 जनवरी 2019 को हिरासत में लिया और अगले दिन बच्चों की मां को भी गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों ने अपने गुनाह कबूल कर लिए। उन्होंने बताया कि बच्चों का जन्म सितंबर 2017 में हुआ था और दो महीने बाद ही आर्थिक तंगी के चलते उन्हें बेच दिया गया था।
बच्चों को बेचने का दिल दहला देने वाला सच
पुलिस पूछताछ में माता-पिता ने कहा कि बेरोजगारी और कर्ज के कारण उनकी जिंदगी बेहद कठिन हो गई थी। वे बच्चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ थे और कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। इसी हताशा में उन्होंने बच्चों को बेचने का फैसला लिया।
हालांकि, यह घटना केवल एक आर्थिक संकट की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और मानवीय मूल्यों के पतन का भी उदाहरण बन गई है। बच्चों को वस्तु की तरह बेचना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि नैतिक दृष्टि से भी अक्षम्य है।
निष्कर्ष
चीन से आई इस दिल दहला देने वाली खबर ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक तंगी किस हद तक इंसान को अमानवीय निर्णय लेने पर मजबूर कर सकती है। यह घटना हमें इस बात का भी एहसास कराती है कि हमें समाज में आर्थिक सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मजबूत व्यवस्थाएं बनानी चाहिए, ताकि कोई भी परिवार ऐसी भयावह स्थिति में न पहुंचे।
पुलिस द्वारा बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया गया है और संबंधित परिवारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इन मासूम बच्चों को एक सुरक्षित और प्यार भरा भविष्य मिल सकेगा।