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OMG! फ्लाइट में घिनौनी चीजें करते हैं पायलट, एयर होस्टेस ने खोले डर्टी सीक्रेट्स

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आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

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इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

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इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

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पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

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इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

आज के समय में हवाई यात्रा जितनी आम हो गई है, उतनी ही जिज्ञासा भी होती है कि फ्लाइट के अंदर यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जिंदगी कैसी होती है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार उड़ान भर रहे होते हैं, उनके मन में सवाल उठते हैं कि आखिर 30,000 फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर क्या-क्या होता होगा। इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा एक एयर होस्टेस ने किया है, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

माइल हाई: फ्लाइट के अंदर का ‘राज़’

एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट में काम करने वाले पायलट और केबिन क्रू के सदस्य कई बार 30,000 फीट की ऊंचाई पर कॉकपिट या अन्य सुरक्षित जगहों पर एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इसको ‘माइल हाई’ (Mile High) कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब यात्री आराम कर रहे होते हैं या फ्लाइट का संचालन कम व्यस्त होता है।

कैप्टन और फ्लाइट अटेंडेंट की भूमिका

पायलट को भी कभी-कभी भूख लगती है या पेशाब की जरूरत होती है, तब उन्हें फ्लाइट डेक (कॉकपिट) से बाहर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फ्लाइट अटेंडेंट उनकी जगह कॉकपिट में आकर उनकी जिम्मेदारी संभालते हैं। इस दौरान भी फ्लाइट क्रू मेंबर अक्सर एक-दूसरे के साथ करीब आते हैं।

एयर होस्टेस का अनुभव

खुद एक एयर होस्टेस ने बताया कि शुरू में वह फ्लाइट के अंदर शारीरिक संबंध बनाने को घिनौना समझती थीं, लेकिन बाद में इस ‘माइल हाई हाफ’ का आनंद लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कई बार एक या दो शिफ्ट के दौरान उन्होंने इसका लुत्फ उठाया है।

इस दौरान वे कुछ बातों का खास ध्यान रखती हैं, जैसे कि जिस व्यक्ति के साथ वे यह संबंध बनाना चाहती हैं, वह कितना भरोसेमंद है और उसे माइल हाई के बारे में जानकारी है या नहीं। इसके अलावा, वे ज्यादातर उन्हीं फ्लाइट्स में यह करती हैं जिनका रूट उन्हें पहले से पता होता है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।

माइल हाई के पीछे की वजह

माइल हाई यानी ऊंचाई पर संबंध बनाने की वजह यह भी है कि फ्लाइट में मौजूद सीमित जगह और तनाव के कारण क्रू मेंबर्स के बीच यह तनाव कम करने और एक-दूसरे के करीब आने का एक तरीका भी माना जाता है।

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