वृद्धाश्रम, महिला आश्रम नहीं ये है पत्नी पीड़ित पतियों का आश्रम, जाने इसके बारे में
आजतक आपने वृद्धाश्रम के बारे में तो सुना होगा मगर क्या आपने कभी पत्नीआश्रम के बारे में सुना हैं नहीं ना, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसा ही बताएंगे जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे । जानकारी के अनुसार, यह आश्रम ऐसे पीड़ितों के लिए हैं जो कि अपनी पत्नियों से सताए हुए हैं । यह आश्रम औरंगाबाद से 12 किलोमीटर दूर शिरडी-मुंबई हाईवे पर स्थित है इस आश्रम मे सलाह लेने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है । अब तक 500 लोग सलाह ले चुके हैं । हाईवे से देखें तो सामान्य घर की तरह दिखने वाले इस आश्रम के भीतर जाते ही अलग अनुभव मिलता है । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस आश्रम में वो लोग रहते हैं जो पत्नी से पीड़ित रहते हैं और ये लोग कौए की पूजा करते है ।
इतना ही नहीं इस आश्रम में रहने के लिए लिए कई शर्त भी माननी पड़ेगी । पहली शर्त की इस आश्रम में दाखिले के लिए पत्नी पीड़ित पुरुष के ऊपर कम से कम 20 मामले दर्ज होने जरूरी हैं । दूसरी शर्त, गुजारा भत्ता ना चुकाने के कारण पत्नी पीड़ित पुरुष जेल जाकर आया हो । इसके अलावा दूसरी शादी का विचार मन में ना हो । इस आश्रम के सामने एक हवन कुंड है। जब पत्नी पीड़ित पुरुष अपनी परेशानी लेकर आश्रम में आते है तब वो अपनी समस्या को चिट्ठी में लिखकर आफिस में रखे प्रतीकात्मक कौवे को दिखा कर फिर उसी चिट्ठी को हवन कुंड में डाल कर हवन करता है ।
आपको बता दें कि, हर शनिवार, रविवार की सुबह 10 से शाम 6 बजे तक पत्नी-पीडितों की काउंसलिंग की जाती है । शुरूआत में केवल शहर और आसपास के लोग आते थे। अब छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से तकरीबन आश्रम मे सलाह लेने के लिए आ रहे है । आश्रम के संस्थापक भारत फुलारे खुद पत्नी पीडित होने का दावा करते है । घरेलू हिंसा चार कानून के तहत उनकी पत्नी ने उनपर केस दाखिल किया है ।

