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सिर्फ सेना ही नहीं बल्कि ये गुरूद्वारा भी देश की रक्षा में 24 घंटे रहता हैं खड़ा, वीडियो देखें और जानें कैसें ?

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जब भी देश की रक्षा की बात होती है तो सबसे पहले हमारी सेना का नाम आता है। लेकिन राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में एक ऐसा गुरुद्वारा भी है, जो वर्षों से सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहा है। यह है श्रीगंगानगर जिले में स्थित गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू, जो सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय जज्बे और देशभक्ति का भी जीता-जागता उदाहरण है। यह गुरुद्वारा न केवल भारतीय सैनिकों के हौसले को बढ़ाता है, बल्कि एक अदृश्य ढाल की तरह सीमा क्षेत्र की रक्षा भी करता है।

24 घंटे खुला रहता है गुरुद्वारा

गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू में 24 घंटे लंगर और सेवा चलती रहती है। चाहे दिन हो या रात, कोई भी भूखा फौजी या यात्री यहां आकर भोजन और विश्राम पा सकता है। सीमा पर तैनात जवान कई बार लंबी ड्यूटी के बाद गुरुद्वारे में आकर भोजन करते हैं और कुछ देर के लिए सुकून पाते हैं। गुरुद्वारे के सेवादार और स्थानीय ग्रामीण यह सुनिश्चित करते हैं कि जवानों को हर समय सहायता मिले। यह सेवा भावना भारतीय सेना के मनोबल को ऊंचा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

युद्ध के समय भी निभाई थी बड़ी भूमिका

1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस गुरुद्वारे ने सैनिकों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल का काम किया था। जब सीमा पर बम गिर रहे थे, तब भी गुरुद्वारे में अरदास और कीर्तन बंद नहीं हुए। सैनिक गुरुद्वारे में आकर न केवल भोजन करते थे, बल्कि मानसिक शांति भी पाते थे। आज भी पुराने सैनिक इस बात को याद करते हैं कि गुरुद्वारे की दिव्य शक्ति ने उन्हें कई कठिन परिस्थितियों में बचाया था।

आस्था के साथ सुरक्षा का प्रतीक

गुरुद्वारा बुर्ज सिद्धू आज एक ऐसा स्थल बन चुका है, जहां सैनिक अपनी जीत की कामना के साथ माथा टेकते हैं। यहां हर दिन देश की सलामती के लिए विशेष अरदास होती है। स्थानीय लोग मानते हैं कि गुरुद्वारा एक अदृश्य सुरक्षा घेरा बनाकर सीमावर्ती इलाकों को दुश्मनों से बचाता है। यह आस्था ही है जो भारतीय फौज को न केवल ताकत देती है, बल्कि लड़ने का आत्मविश्वास भी भरती है।

सैनिकों के लिए विशेष सेवा

गुरुद्वारे में सैनिकों के लिए अलग से विश्राम की व्यवस्था भी की गई है। घायल सैनिकों के लिए प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा और जरूरत पड़ने पर सहायता पहुँचाना यहां के सेवादारों का धर्म बन चुका है। यहां से हर दिन सैनिकों के लिए विशेष प्रसाद और शुभकामनाओं के साथ लंगर भेजा जाता है।

वीडियो में देखें यह गौरवशाली दास्तान

अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे एक गुरुद्वारा देशभक्ति और सेवा भावना का अद्भुत उदाहरण बनकर खड़ा है, तो हमारा वीडियो जरूर देखें। वीडियो में गुरुद्वारे के ऐतिहासिक योगदान, 1971 युद्ध की रोमांचक कहानियां और भारतीय सैनिकों के साथ इसके मजबूत रिश्ते को बखूबी दिखाया गया है।

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