गणेश जी को मोदक ही नहीं, ये पांच फल और वस्तुएं भी हैं अति प्रिय, चढ़ाने पर प्रसन्न होंगे गजानन, वीडियो में देखें पूजा विधि

भगवान गणेश को समस्त विघ्नों का नाश करने वाले देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या पूजा गणेश वंदना के बिना आरंभ नहीं होता। उन्हें ‘विघ्नहर्ता’, ‘बुद्धिदाता’ और ‘सिद्धिप्रदाता’ के रूप में पूजा जाता है। अक्सर हम गणेश जी के नाम से जुड़ा एक प्रसिद्ध प्रसाद याद करते हैं — मोदक। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोदक के अलावा भी कुछ विशेष फल और वस्तुएं हैं जो गणेश जी को अत्यंत प्रिय हैं? इन्हें पूजा में अर्पित करने से गजानन अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।
यहां हम आपको बताएंगे कि गणेश जी को मोदक के अलावा और कौन-सी पांच चीजें विशेष प्रिय हैं, और कैसे इन्हें सही विधि से अर्पित करने पर आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिया गया दुर्लभ वीडियो भी ज़रूर देखें।
1. दूर्वा (दुर्वा घास)
गणेश जी को दूर्वा घास अत्यंत प्रिय है। यह छोटी-छोटी हरी पत्तियों वाली घास होती है जिसे ‘त्रिदल’ या ‘त्रिपत्री दूर्वा’ कहा जाता है। मान्यता है कि दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी सभी रोगों और बाधाओं को दूर करते हैं। पूजा में कम से कम 21 दूर्वा के तिनके चढ़ाना चाहिए। दूर्वा हृदय से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाली मानी जाती है।
2. गुड़ और चना
गणेश जी को गुड़ और भुने चने का भोग भी बहुत प्रिय है। यह सरल, सात्विक और ऊर्जा देने वाला प्रसाद होता है। खासकर बुधवार के दिन गुड़-चना अर्पण करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है और बुध ग्रह मज़बूत होता है। यह प्रसाद छात्रों, व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है।
3. केला (Banana)
गणेश जी को केले का फल भी प्रिय है। पूजा में केले अर्पित करने से जीवन में स्थायित्व और आर्थिक स्थिरता आती है। केले का पौधा भी शुभता का प्रतीक माना गया है। कुछ विशेष अवसरों पर केले के पत्तों पर ही प्रसाद भी चढ़ाया जाता है, जिससे पूजा और भी शुभ हो जाती है।
4. श्रीफल (नारियल)
नारियल, जिसे श्रीफल कहा जाता है, गणेश जी को चढ़ाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह समर्पण, पवित्रता और त्याग का प्रतीक है। श्रीफल फोड़कर अर्पित करने से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं। विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ जैसे मांगलिक कार्यों में नारियल अर्पण विशेष फलदायक होता है।
5. लड्डू (बेसन या बूंदी)
हालाँकि मोदक सबसे अधिक प्रिय है, लेकिन लड्डू भी गणेश जी को बहुत पसंद हैं। खासकर बूंदी या बेसन के लड्डू। गणेश चतुर्थी और बुधवार को इन्हें अर्पित करने से बुद्धि, बल और विद्या की प्राप्ति होती है। यह प्रसाद भक्तों को स्फूर्ति और ऊर्जा से भर देता है।
पूजा विधि – कैसे करें गणेश पूजन?
गणेश पूजन में शुद्धता और श्रद्धा का विशेष महत्व होता है। पूजा की शुरुआत में सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें। उन्हें स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं। फिर रोली, अक्षत, दूर्वा, पुष्प, और उनके प्रिय फल अर्पित करें। इसके बाद मोदक या लड्डू का भोग लगाएं और दीप-धूप से आरती करें।
विशेष बात यह है कि पूजन के अंत में गणेश जी को मन से अपनी समस्याएं और इच्छाएं बताएं। वह अपने भक्तों की सच्चे मन से की गई प्रार्थना को जरूर सुनते हैं।
निष्कर्ष
भगवान गणेश को केवल मोदक ही नहीं, बल्कि दूर्वा, गुड़-चना, केला, श्रीफल और लड्डू जैसी वस्तुएं भी अत्यंत प्रिय हैं। यदि श्रद्धा और सही विधि से ये वस्तुएं अर्पित की जाएं, तो निश्चित रूप से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। गणेश जी की कृपा से सभी विघ्न दूर होते हैं और भाग्य के नए द्वार खुलते हैं।