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 रहस्यमयी गांव, जहां पैदा होते हैं सिर्फ बौने लोग, आज भी अनसुलझा है ये रहस्य

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 लोगों की पहचान उनकी ऊंचाई और शरीर के आधार पर की जाती है। अगर कोई व्यक्ति बहुत लंबा हो जाता है तो लोग उसे लंबा कहकर बुलाते हैं, वहीं अगर कोई व्यक्ति छोटा है तो उसे छोटा, बौना जैसे शब्दों से सामना करना पड़ता है। लम्बे लोगों को समाज में ज्यादा उपहास का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन बौने लोगों को हर जगह हेय दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे मामले एक या दो बार ही आते हैं. लेकिन क्या होता है जब पूरा गांव बौनों से बना हो? यकीन मानिए आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पैदा होने वाले ज्यादातर लोग बौने होते हैं। यह बिल्कुल सच है, लेकिन वैज्ञानिक भी आज तक इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए हैं।

यह है दुनिया का सबसे 'बौना' गांव, आधी आबादी 3 फीट से कम, क्‍या है वजह?

हम बात कर रहे हैं पड़ोसी देश चीन के सिचुआन प्रांत के सुदूर इलाके में स्थित एक गांव यांग्सी की, जहां की 50 फीसदी आबादी बौने हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में रहने वाले 80 लोगों में से 36 लोगों की लंबाई महज 2 फीट 1 इंच से लेकर 3 फीट 10 इंच तक है। इसलिए इस गांव को पूरी दुनिया में बौनों के गांव के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिक पिछले 67 सालों से इसका कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालाँकि, पहले इस गाँव के लोग बहुत साधारण थे। वहां के बुजुर्गों के मुताबिक, कई दशक पहले यह प्रांत एक खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गया था। तब से इस गांव के बच्चों की लंबाई समय-समय पर रुकती रहती है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां बौनापन 1911 से देखा जा रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस खतरनाक बीमारी का पता साल 1951 में चला, जब प्रशासन को पीड़ितों के अंग छोटे होने की शिकायत मिली। 1985 में जब जनगणना हुई थी तब इस गांव में ऐसे 119 मामले सामने आए थे। हालांकि, कुछ समय बाद लोगों की लंबाई क्यों रुक जाती है इसका सटीक कारण आज तक पता नहीं चल पाया है। इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई अलग-अलग जांच कीं। कभी गांव के पानी का परीक्षण किया गया तो कभी मिट्टी और अनाज का परीक्षण किया गया। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला.

अजब गजब न्यूज डेस्क !!! आमतौर पर लोगों की पहचान उनकी ऊंचाई और शरीर के आधार पर की जाती है। अगर कोई व्यक्ति बहुत लंबा हो जाता है तो लोग उसे लंबा कहकर बुलाते हैं, वहीं अगर कोई व्यक्ति छोटा है तो उसे छोटा, बौना जैसे शब्दों से सामना करना पड़ता है। लम्बे लोगों को समाज में ज्यादा उपहास का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन बौने लोगों को हर जगह हेय दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे मामले एक या दो बार ही आते हैं. लेकिन क्या होता है जब पूरा गांव बौनों से बना हो? यकीन मानिए आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पैदा होने वाले ज्यादातर लोग बौने होते हैं। यह बिल्कुल सच है, लेकिन वैज्ञानिक भी आज तक इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए हैं।

यह है दुनिया का सबसे 'बौना' गांव, आधी आबादी 3 फीट से कम, क्‍या है वजह?

हम बात कर रहे हैं पड़ोसी देश चीन के सिचुआन प्रांत के सुदूर इलाके में स्थित एक गांव यांग्सी की, जहां की 50 फीसदी आबादी बौने हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में रहने वाले 80 लोगों में से 36 लोगों की लंबाई महज 2 फीट 1 इंच से लेकर 3 फीट 10 इंच तक है। इसलिए इस गांव को पूरी दुनिया में बौनों के गांव के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिक पिछले 67 सालों से इसका कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालाँकि, पहले इस गाँव के लोग बहुत साधारण थे। वहां के बुजुर्गों के मुताबिक, कई दशक पहले यह प्रांत एक खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गया था। तब से इस गांव के बच्चों की लंबाई समय-समय पर रुकती रहती है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां बौनापन 1911 से देखा जा रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस खतरनाक बीमारी का पता साल 1951 में चला, जब प्रशासन को पीड़ितों के अंग छोटे होने की शिकायत मिली। 1985 में जब जनगणना हुई थी तब इस गांव में ऐसे 119 मामले सामने आए थे। हालांकि, कुछ समय बाद लोगों की लंबाई क्यों रुक जाती है इसका सटीक कारण आज तक पता नहीं चल पाया है। इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई अलग-अलग जांच कीं। कभी गांव के पानी का परीक्षण किया गया तो कभी मिट्टी और अनाज का परीक्षण किया गया। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला.

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