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'करोड़ों का चढ़ावा और तिजोरी में टनों सोना...' ये है देश का सबसे अमीर मंदिर, सालाना कमाई जान फटी रह जायेंगी आंखें 

'करोड़ों का चढ़ावा और तिजोरी में टनों सोना...' ये है देश का सबसे अमीर मंदिर, सालाना कमाई जान फटी रह जायेंगी आंखें 

भारत के मंदिरों में भक्त खूब दान करते हैं। हर साल मंदिरों में आने वाले चढ़ावे में बढ़ोतरी होती रहती है और भक्त लाखों-करोड़ों का दान करते हैं। मंदिरों में सोने, चांदी और हीरे के आभूषण भी दान किए जाते हैं। भारत में आस्था सिर्फ़ भक्ति ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत बनाती है। धर्म का अर्थशास्त्र भारत की प्रगति में भागीदार रहा है। भारत में ऐसे मंदिरों की कोई कमी नहीं है जिनमें अपार संपत्ति है। आज हम आपको भारत के सबसे अमीर मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

भारत का सबसे अमीर मंदिर और उसकी संपत्ति कौन सी है?

भारत में हर साल मंदिरों में आने वाले करोड़ों रुपयों की चर्चा होती है। भारत के सबसे अमीर मंदिर की बात करें तो उसका नाम पद्मनाभस्वामी मंदिर है, जो भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर केरल में स्थित है। यहाँ हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है। यानी हर साल लोग यहाँ इतनी बड़ी रकम दान करते हैं। पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है। इसे भारत का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। इसकी कुल अनुमानित संपत्ति 1,20,000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है।

किस भगवान की पूजा होती है?

पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार पद्मनाभस्वामी की पूजा होती है। मंदिर के नीचे बने गुप्त तहखानों से सोना, हीरे, रत्न और कई कीमती मूर्तियाँ मिली हैं। ये ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद मूल्यवान हैं। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध तहखाना 'बी' अभी तक नहीं खोला गया है। इसके साथ कई धार्मिक महत्व, मान्यताएँ और रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर की संपत्ति इसे भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अद्वितीय बनाती है। मंदिर ट्रस्ट की आय भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद, चढ़ावे और दर्शन टिकटों से होती है।

यह कब और कैसे चर्चा में आया?

पद्मनाभस्वामी मंदिर तब चर्चा में आया जब इसके 6 द्वार खोले गए और इन द्वारों में असंख्य मात्रा में कीमती सोना, हीरे और चाँदी के आभूषण मिले। इनकी कीमत लगभग 20 अरब डॉलर आंकी गई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के 7वें द्वार को खोलने की अनुमति नहीं दी। ऐसा अनुमान है कि मंदिर का यह द्वार सबसे ज़्यादा खजाने से भरा है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर की देखभाल त्रावणकोर राजपरिवार करता है।

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